झारखंड की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ पर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता चंपाई सोरेन ने 30 अगस्त को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने का ऐलान किया है. यह घोषणा तब हुई जब उन्होंने 28 अगस्त को अपने सभी पदों से इस्तीफा देने का निर्णय लिया. यह फैसला सोमवार रात को तब पुख्ता हुआ जब सोरेन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा से मुलाकात की.
संन्यास के फैसले से वापसी
कुछ समय पहले चंपाई सोरेन ने राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की थी, जिससे झारखंड की राजनीति में हलचल मच गई थी. उन्होंने कहा था कि अब वह राजनीति से दूर रहेंगे और सामाजिक कार्यों पर ध्यान केंद्रित करेंगे. लेकिन, जनता से मिले अपार समर्थन और उनके द्वारा जताई गई भावनाओं ने सोरेन को अपना फैसला बदलने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने कहा कि जनता के समर्थन के कारण ही उन्होंने संन्यास का विचार त्याग दिया और भाजपा में शामिल होने का निर्णय लिया.
अमित शाह से मुलाकात और भाजपा में शामिल होने का फैसला
सोमवार रात चंपाई सोरेन की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात हुई, जिसमें असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा भी मौजूद थे. इस बैठक के बाद भाजपा में शामिल होने का निर्णय लिया गया. असम के मुख्यमंत्री ने इस बात की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर साझा की, जिसमें उन्होंने बताया कि चंपाई सोरेन 30 अगस्त को रांची में आधिकारिक रूप से भाजपा में शामिल होंगे.
झारखंड के आदिवासियों की चिंता
इस मुलाकात के दौरान झारखंड में आदिवासी समाज की स्थिति और घुसपैठियों से हो रहे नुकसान पर भी चर्चा हुई. हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि झारखंड में घुसपैठियों का मुद्दा बहुत गंभीर है और इससे सबसे ज्यादा नुकसान आदिवासी समाज को हो रहा है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अगर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) घुसपैठियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाए तो भाजपा उनका समर्थन करेगी. उन्होंने आगे कहा कि भाजपा के लिए राष्ट्र प्रथम है, और अगर झामुमो घुसपैठियों के खिलाफ सख्त कदम उठाता है, तो भाजपा उनके साथ खड़ी रहेगी.
संन्यास का इरादा छोड़कर भाजपा का दामन थामा
चंपाई सोरेन का भाजपा में शामिल होना कोई अचानक फैसला नहीं था. उन्होंने एक सप्ताह पहले ही झामुमो छोड़ने का संकेत दे दिया था. दिल्ली में अपने दौरे के दौरान उन्होंने कई नेताओं से मुलाकात की थी. इसके बाद वह सरायकेला लौटे और अपने समर्थकों से लगातार मिलते रहे. रविवार को वह कोलकाता गए और फिर दोबारा दिल्ली लौटे, जहां उन्होंने होटल ताज में ठहरकर कई महत्वपूर्ण बैठकों में हिस्सा लिया. देर रात को असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने उन्हें अपनी गाड़ी में बिठाकर गृह मंत्री अमित शाह से मिलवाया. इस मुलाकात के बाद, लगभग आधे घंटे की बातचीत में ही चंपाई सोरेन ने भाजपा में शामिल होने का अंतिम निर्णय ले लिया.
अंतिम कदम और झारखंड की राजनीति पर प्रभाव
अब चंपाई सोरेन 28 अगस्त को रांची पहुंचेंगे और अपने सभी पदों से इस्तीफा देंगे. इसके बाद 30 अगस्त को वह भाजपा में औपचारिक रूप से शामिल हो जाएंगे. चंपाई सोरेन का यह निर्णय झारखंड की राजनीति में एक बड़ा बदलाव ला सकता है. आदिवासी समुदाय में उनकी गहरी पैठ और समर्थन को देखते हुए, उनके भाजपा में शामिल होने से राज्य की राजनीति में नई संभावनाएं खुल सकती हैं.