रामगढ़ के भुरकुंडा और पतरातू में असरदार रहा भारत बंद, कोयले की ट्रांसपोर्टिंग रही ठप….

भारत बंद का प्रभाव रामगढ़ जिले के भुरकुंडा और पतरातू क्षेत्रों में काफी महसूस किया गया. बुधवार को आयोजित इस बंद के चलते इन क्षेत्रों में जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हो गया. बंद के कारण कोयले की ट्रांसपोर्टिंग ठप हो गई और सार्वजनिक यातायात पर भी व्यापक असर पड़ा.

बंद का व्यापक असर

भारत बंद की सुबह होते ही भुरकुंडा और पतरातू क्षेत्रों में बंद समर्थक सड़कों पर उतर आए. इन क्षेत्रों में बंद के सफल क्रियान्वयन के लिए कार्यकर्ताओं ने पूरी ताकत झोंकी. उन्होंने प्रमुख सड़कों को अवरुद्ध कर दिया, जिससे यातायात सेवाएं पूरी तरह से ठप हो गईं. भुरकुंडा और पतरातू के टेकर स्टैंड और बस स्टैंड से लंबी दूरी की गाड़ियां पूरी तरह से बंद रहीं. इसके साथ ही, दो पहिया वाहनों की आवाजाही पर भी रोक लगा दी गई.

यातायात पर असर

बंद समर्थकों ने बाइक से काम पर जाने वाले लोगों को भी रोका, जिससे बहुत से लोग समय पर अपनी ड्यूटी पर नहीं पहुंच सके. इससे यात्रियों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ा. कई लोगों को अपने गंतव्य पर पहुंचने के लिए मजबूरन लौटना पड़ा. बंद का प्रभाव इतना गहरा था कि स्थानीय व्यापारियों और दैनिक यात्रियों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.

कोयले की ट्रांसपोर्टिंग पर असर

भारत बंद का कोयले की ट्रांसपोर्टिंग पर भी गहरा असर पड़ा. भुरकुंडा परियोजना के बलकुदरा आउटसोर्सिंग कोयला खदान से कोयले की ट्रांसपोर्टिंग पूरी तरह से ठप हो गई. बंद समर्थकों ने भुरकुंडा बाजार, पतरातू ब्लॉक मोड़, शहीद भगत सिंह चौक, और पतरातू लेक रिजॉर्ट जैसे प्रमुख बाजारों को बंद करवा दिया. इन क्षेत्रों में दुकानदारों को भी कारोबार करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी प्रभाव पड़ा.

विरोध प्रदर्शन और सुरक्षा व्यवस्था

बंद के दौरान, विरोध प्रदर्शन के रूप में कई जगहों पर टायर जलाए गए. इन प्रदर्शनों ने मुख्य सड़कों और चौक-चौराहों पर ट्रैफिक को पूरी तरह से बाधित कर दिया. मतकमा चौक पर भी बंद समर्थकों ने दौरा चौक को पूरी तरह से बंद कर दिया और मोटरसाइकिल चालकों को भी कहीं आने-जाने नहीं दिया. सुरक्षा की दृष्टि से, भुरकुंडा, पतरातू और बासल पुलिस चौक-चौराहों पर सुरक्षा बलों की तैनाती की गई. पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कड़ी निगरानी रखी और किसी भी अप्रिय घटना को टालने की कोशिश की. इसके बावजूद, बंद समर्थकों की सक्रियता ने क्षेत्र में अस्थिरता को बढ़ा दिया और कई लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा.

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