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झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आदिवासी महोत्सव 2024 का किया उद्घाटन….

झारखंड सरकार ने आज बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान में झारखंड आदिवासी महोत्सव-2024 का भव्य उद्घाटन किया. इस समारोह में राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार और राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन प्रमुख अतिथि के रूप में शामिल हुए, वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उद्घाटन की अध्यक्षता की. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आदिवासी समाज को विश्व आदिवासी दिवस की बधाई दी और इस महोत्सव को आदिवासी जीवन दर्शन, सभ्यता, और संस्कृति को संजोने का महत्वपूर्ण प्रयास बताया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने भाषण में आदिवासी समाज की महानता और उनकी सभ्यता के महत्व को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि झारखंड के आदिवासी समाज ने हमेशा अपनी सभ्यता और संस्कृति की रक्षा की है और कभी भी समझौता नहीं किया. साथ ही मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि यह महोत्सव आदिवासी जीवन दर्शन और उनकी कला-संस्कृति को अलग पहचान देने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है. उन्होंने आदिवासी सभ्यता को दुनिया की सबसे प्राचीन सभ्यता बताते हुए इसे सुरक्षित और समृद्ध करने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए यह एक प्रेरणास्रोत बनी रहे. मुख्यमंत्री ने झारखंड के आदिवासियों के संघर्षों की याद दिलाते हुए कहा कि इस राज्य के आदिवासी जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि झारखंड वीरों और शहीदों की धरती है जिन्होंने अपने हक और अधिकारों की रक्षा के लिए अपनी जान की बाजी लगाई है. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आदिवासी समाज के विकास के लिए सरकार पूरी तरह से प्रयासरत है, लेकिन समाज को भी अपनी भूमिका निभानी होगी. उन्होंने बताया कि सरकार ने कई कल्याणकारी योजनाओं का शुभारंभ किया है जो राज्य की जनता को सशक्त और स्वावलंबी बनाने के लिए हैं.

महोत्सव की प्रमुख गतिविधियाँ

महोत्सव के दौरान कई महत्वपूर्ण गतिविधियाँ आयोजित की गईं. राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार, राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन, और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मिलकर डॉ. राम दयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान द्वारा प्रकाशित 12 पुस्तकों का विमोचन किया. इसके अलावा, 257 लोगों के बीच 73,583 एकड़ सामुदायिक वन पट्टा का वितरण भी किया गया. समारोह की शुरुआत में गणमान्यों ने शहीद बेदी पर पुष्प अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने आदिवासी प्रदर्शनी शिविर और आदिवासी चित्रकार शिविर का उद्घाटन और अवलोकन भी किया.

मौजूदा गणमान्य व्यक्ति

इस महोत्सव में राज्य के अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के मंत्री दीपक बिरुवा, राज्यसभा सांसद महुआ माजी, विधायक कल्पना सोरेन, विधायक राजेश कच्छप, मुख्य सचिव एल. खियांग्ते, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, पुलिस महानिदेशक अनुराग गुप्ता, राज्यपाल के प्रधान सचिव नीतिन मदन कुलकर्णी, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के सचिव कृपानंद झा, और आदिवासी कल्याण आयुक्त अजय नाथ झा सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे.

सांस्कृतिक उत्सव और प्रदर्शनी

महोत्सव के दौरान कई सांस्कृतिक कार्यक्रम और स्टॉल लगाए गए हैं जो आदिवासी जीवन शैली, कला और शिल्प का परिचय देते हैं. इन स्टॉलों पर पारंपरिक वस्त्र, हस्तशिल्प, और स्थानीय खाद्य पदार्थ प्रदर्शित किए गए हैं. दर्शक यहां झारखंड की सांस्कृतिक विविधता से अवगत हो सकते हैं. विशेष रूप से, WorldBeingIndia द्वारा संचालित “आरोहण कार्यक्रम” बच्चों के विकास पर केंद्रित है, जिसमें उनके आंतरिक गुणों और क्षमताओं को पहचानने और उन्हें जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करने की कोशिश की जाती है. इस कार्यक्रम में झारखंड के आश्रम आवासीय विद्यालयों के बच्चों को महत्वपूर्ण कौशल सिखाए जाते हैं जैसे ध्यानपूर्वक सुनने की कला, चारित्रिक गुणों की पहचान, भावनाओं का प्रबंधन, नेतृत्व कौशल और लक्ष्य निर्धारण. महोत्सव के दौरान, स्टॉल में भावनात्मक कल्याण से जुड़े अभ्यास भी कराए जा रहे हैं. यहां बच्चे और बड़े अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए अपने मन की बात लिख सकते हैं और अपनों का धन्यवाद अदा कर सकते हैं. इस पहल से परिवारों के बीच भावनात्मक संबंध मजबूत हो रहे हैं और समुदाय के लोगों को एक साथ लाने में मदद मिल रही है. यह पहल बच्चों के जीवन में सुधार के साथ-साथ बड़े लोगों के जीवन पर भी सकारात्मक प्रभाव डाल रही है.

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