संजय सेठ ने हेमंत सोरेन पर लगाए गौ तस्करी के आरोप…

रांची के सांसद और केंद्रीय मंत्री संजय सेठ ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. सेठ का दावा है कि हेमंत सोरेन ने झारखंड को गौ तस्करों के लिए स्वर्ग बना दिया है. उनका कहना है कि दो साल पहले, सोरेन ने पुलिस को गौ तस्करों की जांच न करने का निर्देश दिया था, जिससे तस्करी बढ़ी. सेठ ने कांग्रेस और झामुमो को भी निशाने पर लिया, और कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठियों की वजह से राज्य की स्थिति बिगड़ रही है. सेठ ने कहा कि कांग्रेस के नेता राहुल गांधी एक तरफ हिंदुओं को हिंसक बताते हैं, वहीं दूसरी ओर हेमंत सोरेन ने गौ तस्करों और बांग्लादेशियों को खुली छूट दी है. उन्होंने कहा कि अगर पुलिस गौ तस्करों पर कार्रवाई नहीं करेगी, तो कौन करेगा?

बांग्लादेशी घुसपैठियों की समस्या

संजय सेठ ने आरोप लगाया कि बांग्लादेशी घुसपैठियों की वजह से राज्य की जनसांख्यिकी बदल रही है. उनका दावा है कि इन घुसपैठियों की नजर यहां के लोगों की जमीन और महिलाओं पर है. उन्होंने कहा कि बीजेपी इस मुद्दे पर जनजागरण अभियान चला रही है ताकि लोग जागरूक हो सकें.

जनजागरण अभियान की जरूरत

संजय सेठ ने कहा कि झारखंड में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब हो चुकी है और इसके लिए हेमंत सोरेन जिम्मेदार हैं. उनका मानना है कि जनता को जागरूक करने के लिए बीजेपी का जनजागरण अभियान महत्वपूर्ण है. इस अभियान के जरिए लोग अपने अधिकारों और सुरक्षा के बारे में जागरूक हो सकेंगे. सेठ ने अपने बयान में जोर देकर कहा कि हेमंत सोरेन की नीतियों के कारण राज्य में अपराध बढ़ा है और उन्होंने पुलिस को गौ तस्करों पर कार्रवाई करने से रोका है. इसके अलावा, बांग्लादेशी घुसपैठियों की समस्या पर भी उन्होंने हेमंत सोरेन को जिम्मेदार ठहराया.

राजनीतिक प्रतिक्रिया

इन आरोपों के बाद झारखंड की राजनीतिक स्थिति में हलचल मच गई है. हेमंत सोरेन और उनकी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने इन आरोपों का खंडन किया है. उन्होंने कहा कि संजय सेठ के आरोप राजनीति से प्रेरित हैं और इनमें कोई सच्चाई नहीं है. जेएमएम का कहना है कि उनकी सरकार ने राज्य की कानून व्यवस्था को सुधारने के लिए कई कदम उठाए हैं और वे गौ तस्करी को रोकने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

आगे की कार्रवाई

संजय सेठ के इन आरोपों के बाद राजनीतिक दलों और जनता में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. यह देखना दिलचस्प होगा कि हेमंत सोरेन और उनकी सरकार इन आरोपों का किस तरह से जवाब देती है और आगे की कार्रवाई क्या होती है.

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