भारत मौसम विज्ञान विभाग ने झारखंड के लिए भारी वर्षा और संभावित बाढ़ की चेतावनी जारी की है. वर्तमान में गंगीय पश्चिम बंगाल और आस-पास के क्षेत्रों में बन रहे निम्न दबाव क्षेत्र का असर झारखंड पर भी पड़ने की संभावना है. इस स्थिति के कारण अगले कुछ दिनों में राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है.
वर्षा का पूर्वानुमान और चेतावनियाँ
- 2 अगस्त 2024:
झारखंड के अधिकांश हिस्सों में हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है. गढ़वा, पलामू, चतरा, लातेहार, लोहरदगा, हजारीबाग और गिरिडीह जिलों में भारी से अत्यधिक भारी वर्षा हो सकती है. कोडरमा, बोकारो, रामगढ़, रांची, खूंटी और सिमडेगा में भी भारी से बहुत भारी वर्षा का पूर्वानुमान है. देवघर और जामतारा जिलों में भी भारी वर्षा हो सकती है.
- 3 अगस्त 2024:
झारखंड के गढ़वा, पलामू, चतरा और लातेहार जिलों में भारी वर्षा की संभावना बनी रहेगी
मौसम विभाग की चेतावनी
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने झारखंड में अगले कुछ दिनों में भारी बारिश की संभावना जताई है. 2 और 3 अगस्त को झारखंड में 30-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना है. यह हवाएं राज्य के विभिन्न हिस्सों में स्थिति को और चुनौतीपूर्ण बना सकती हैं. विभाग ने राज्य के विभिन्न जिलों में रेड अलर्ट जारी करते हुए बताया कि इस दौरान कुछ स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश हो सकती है. मौसम विभाग ने कहा कि इस बारिश के कारण बाढ़, जलभराव और भूस्खलन जैसी स्थितियां पैदा हो सकती हैं, जिससे जनजीवन प्रभावित हो सकता है.
अन्य राज्यों में वर्षा का पूर्वानुमान और चेतावनियाँ
- पश्चिम बंगाल:
2 अगस्त को गंगीय पश्चिम बंगाल में हल्की से मध्यम वर्षा के साथ कुछ स्थानों पर भारी से अत्यधिक भारी वर्षा होने की संभावना है.
- बिहार:
बिहार में 2 अगस्त को हल्की से मध्यम वर्षा के साथ कुछ जगहों पर भारी से अत्यधिक भारी वर्षा हो सकती है. 3 से 6 अगस्त तक भारी से बहुत भारी वर्षा का पूर्वानुमान है.
- छत्तीसगढ़:
छत्तीसगढ़ में 2 अगस्त को अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होगी. इसके अलावा, 2 अगस्त को कुछ स्थानों पर भारी से अत्यधिक भारी वर्षा की संभावना है, और 3 अगस्त को भी भारी से बहुत भारी वर्षा हो सकती है.
- मध्य प्रदेश:
पूर्वी और पश्चिमी मध्य प्रदेश में 2 से 4 अगस्त तक हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है. पूर्वी मध्य प्रदेश में 2 से 4 अगस्त तक और पश्चिमी मध्य प्रदेश में 2 से 5 अगस्त तक कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा हो सकती है.
- उत्तर प्रदेश:
पूर्वी उत्तर प्रदेश में 2 से 6 अगस्त तक हल्की से मध्यम वर्षा के साथ कुछ स्थानों पर भारी वर्षा की संभावना है.
- राजस्थान:
पूर्वी राजस्थान में 2 से 6 अगस्त तक हल्की से मध्यम वर्षा के साथ कुछ स्थानों पर भारी और बहुत भारी वर्षा की संभावना है.
हवा की चेतावनी
- 2 और 3 अगस्त को पश्चिम बंगाल, झारखंड, दक्षिण बिहार, उत्तर ओडिशा, उत्तर छत्तीसगढ़, और दक्षिणपूर्वी उत्तर प्रदेश में 30-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं.
- 3 और 4 अगस्त को पूर्वी मध्य प्रदेश, उत्तर छत्तीसगढ़, दक्षिण बिहार, और दक्षिणी उत्तर प्रदेश में भी तेज हवाएं चलने की संभावना है.
- 4 और 5 अगस्त को पश्चिमी मध्य प्रदेश और पूर्वी राजस्थान में तेज हवाएं चल सकती हैं.
प्रशासन की तैयारियां
राज्य प्रशासन ने भारी बारिश और संभावित बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए व्यापक तैयारियां की हैं. प्रशासन ने सभी जिलों में राहत और बचाव दलों को तैयार रहने के निर्देश दिए हैं. साथ ही, निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी इस स्थिति पर अपनी चिंता व्यक्त की है और अधिकारियों को हर संभव कदम उठाने के निर्देश दिए हैं ताकि लोगों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
संभावित प्रभाव
- लाल क्षेत्र (गंभीर प्रभाव):
सड़कें अवरुद्ध हो सकती हैं, जलभराव और बाढ़ की समस्या उत्पन्न हो सकती है. बिजली और पानी की सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं. कृषि और बागवानी फसलों को गंभीर नुकसान हो सकता है. नदियों में बाढ़ आने की संभावना है.
- नारंगी क्षेत्र (मध्यम प्रभाव):
कीचड़ के धंसने और आपूर्ति में बाधा हो सकती है. कुछ स्थानों पर फसलों को मामूली नुकसान हो सकता है और जीवन और संपत्ति को भी छोटे-मोटे नुकसान की संभावना है.
- पीला क्षेत्र (हल्का प्रभाव):
निचले क्षेत्रों में पानी भर सकता है और बागवानी फसलों को मामूली नुकसान हो सकता है.
सुझाए गए कार्य:
- लाल क्षेत्र के लिए:
बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में वाहन चलाने से बचें. अगर बाढ़ का पानी बढ़ता है, तो वाहन को छोड़ दें और सुरक्षित ऊँचाई पर जाएं. अचानक बाढ़ की स्थिति में तुरंत सुरक्षित स्थान पर जाएं.
- नारंगी क्षेत्र के लिए:
अचानक बाढ़ की संभावना को देखते हुए सुरक्षित ऊँचाई पर जाएं. मछली पकड़ने या शिविर लगाने जैसी गतिविधियों से बचें. निर्माण स्थलों और कमजोर क्षेत्रों में जाने से बचें.
- पीला क्षेत्र के लिए:
नालों को साफ रखें और मौसम की जानकारी के लिए रेडियो या टेलीविजन पर ध्यान दें. चलने वाले पानी में न चलें और अगर आवश्यक हो, तो केवल स्थिर पानी में चलें.
सड़क और परिवहन व्यवस्था प्रभावित
लगातार हो रही भारी बारिश के कारण झारखंड में सड़क और परिवहन व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है. कई सड़कें जलमग्न हो गई हैं, जिससे यातायात बाधित हो रहा है. रांची और जमशेदपुर जैसे बड़े शहरों में भी जलभराव की स्थिति बन गई है. रेलवे प्रशासन ने भी कुछ ट्रेनों को रद्द किया है और कई ट्रेनों के रूट में बदलाव किया है. हवाई सेवा भी प्रभावित हुई है और यात्रियों को अपनी यात्रा की योजना बनाने में सावधानी बरतने की सलाह दी गई है.
कृषि पर प्रभाव
भारी बारिश का प्रभाव राज्य की कृषि पर भी पड़ रहा है. किसानों को फसलों के नुकसान का डर सता रहा है. जलभराव के कारण खेतों में पानी जमा हो गया है, जिससे फसलें बर्बाद हो रही हैं. कृषि विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि वे अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएं और विभाग द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें.
स्वास्थ्य और सुरक्षा
भारी बारिश और जलभराव के कारण स्वास्थ्य समस्याएं भी बढ़ सकती हैं. पानी जमा होने से मच्छरों का प्रकोप बढ़ सकता है, जिससे डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है. स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे साफ-सफाई का ध्यान रखें और किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
जनता से अपील
मौसम विभाग और राज्य प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे भारी बारिश के दौरान अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलें और सुरक्षित स्थानों पर रहें. प्रशासन ने लोगों को आपातकालीन सेवाओं के नंबर भी उपलब्ध कराए हैं ताकि किसी भी स्थिति में तुरंत मदद मिल सके. साथ ही, लोगों को अफवाहों पर ध्यान न देने और प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है.