झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र का तीसरा दिन भी हंगामेदार रहा. मंगलवार को सदन में कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के मामले को उठाया. प्रदीप यादव ने भाजपा पर आरोप लगाया कि हेमंत सोरेन के खिलाफ मनगढ़ंत केस बनाकर उन्हें फंसाने की कोशिश की गई थी. उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं को इसके लिए कान पकड़कर माफी मांगनी चाहिए.
भाजपा विधायकों का विरोध
प्रदीप यादव के इस बयान के बाद भाजपा विधायकों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया. वे आसन के पास पहुंच गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. इस हंगामे के चलते विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया.
बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा
विधानसभा की कार्यवाही के दौरान भाजपा विधायकों ने राज्य में बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे को भी उठाया. उनका आरोप है कि राज्य की डेमोग्राफी में तेजी से बदलाव हो रहा है, लेकिन सरकार इस पर कोई कदम नहीं उठा रही है. इस मुद्दे पर भी सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई.
कार्यवाही में रुकावट
भाजपा विधायकों के विरोध और हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही बार-बार स्थगित करनी पड़ी. साढ़े बारह बजे के बाद कार्यवाही फिर से शुरू हुई, लेकिन हंगामे के चलते इसे एक बार फिर स्थगित करना पड़ा.
विधानसभा गेट पर प्रदर्शन
विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले ही भाजपा विधायकों ने विधानसभा के गेट के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने सरकार पर राज्य की डेमोग्राफी बदलने का आरोप लगाया और मांग की कि इस पर तुरंत कार्रवाई की जाए.
हेमंत सोरेन की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह सब राजनीतिक साजिश है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने साबित कर दिया है कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं.
सीपी राधाकृष्णन की विदाई
विधानसभा सत्र के दौरान राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को विदाई भी दी गई. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उन्हें पुष्पगुच्छ और स्मृति चिन्ह भेंट किया. राधाकृष्णन अब महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में शपथ लेने जा रहे हैं.
राजनीतिक माहौल
इस घटनाक्रम ने झारखंड की राजनीति में हलचल मचा दी है. हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी और बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे ने राज्य की राजनीति को गरमा दिया है. विपक्षी दलों ने सरकार पर जोरदार हमला बोला है और मुख्यमंत्री को घेरने की कोशिश की है.
जनता की प्रतिक्रिया
इस पूरे घटनाक्रम पर जनता की मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. कुछ लोग हेमंत सोरेन के समर्थन में खड़े हैं और इसे राजनीतिक साजिश मानते हैं, वहीं कुछ लोग सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
भविष्य की योजनाएँ
राज्य सरकार ने इस घटनाक्रम से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं. सरकार ने कहा है कि वह कानून और व्यवस्था को बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जनता से अपील की है कि वे शांति बनाए रखें और सरकार पर भरोसा रखें.