झारखंड की सरकार ने एक महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत की है, जिसके तहत राज्य के हर ब्लॉक में गोशालाएं बनाई जाएंगी. इस योजना के तहत सरकार का उद्देश्य राज्य में पशुधन की देखभाल करना और ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देना है. झारखंड की कृषि मंत्री, दीपिका, ने इस संबंध में कई महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं.
गोशालाओं का महत्व
गोशालाएं न केवल पशुधन की सुरक्षा और देखभाल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, बल्कि ये ऑर्गेनिक खेती के लिए आवश्यक खाद की आपूर्ति भी करती हैं. पशुधन से प्राप्त गोबर और अन्य अपशिष्ट पदार्थ ऑर्गेनिक खाद में परिवर्तित किए जा सकते हैं, जो रासायनिक खाद के उपयोग को कम करने में सहायक होता है. इसके अतिरिक्त, गोशालाओं के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे.
कृषि मंत्री दीपिका का बयान
कृषि मंत्री दीपिका ने बताया कि सरकार का उद्देश्य न केवल पशुधन की देखभाल करना है, बल्कि ऑर्गेनिक खेती को भी बढ़ावा देना है. उन्होंने कहा, “हमारी सरकार का मुख्य उद्देश्य है कि किसानों को स्वस्थ और प्राकृतिक तरीके से खेती करने के लिए प्रेरित किया जाए. ऑर्गेनिक खेती न केवल पर्यावरण के लिए बेहतर है, बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है.“
ऑर्गेनिक खेती का महत्व
ऑर्गेनिक खेती एक ऐसी विधि है जिसमें बिना किसी रासायनिक खाद और कीटनाशकों का उपयोग किए खेती की जाती है. इस विधि में प्राकृतिक खाद, जैसे कि गोबर की खाद, का उपयोग किया जाता है. इससे न केवल मृदा की गुणवत्ता बनी रहती है, बल्कि उगाई गई फसलों में भी पोषक तत्वों की मात्रा अधिक होती है. ऑर्गेनिक खेती के माध्यम से किसानों को अधिक मूल्य भी प्राप्त होता है, जिससे उनकी आय में वृद्धि होती है.
सरकार की योजना
सरकार की इस योजना के तहत राज्य के प्रत्येक ब्लॉक में एक गोशाला बनाई जाएगी. इसके लिए आवश्यक धनराशि का प्रबंध सरकार द्वारा किया जाएगा और इसके संचालन के लिए स्थानीय लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा. गोशालाओं में पशुओं की देखभाल के लिए आवश्यक सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी, जैसे कि पानी, चारा और चिकित्सा सुविधाएं. इसके अतिरिक्त, गोशालाओं से प्राप्त गोबर को ऑर्गेनिक खाद में परिवर्तित करने के लिए विशेष संयंत्र भी लगाए जाएंगे.
योजना के लाभ
इस योजना के कई लाभ जैसे सबसे पहले, इससे राज्य में पशुधन की स्थिति में सुधार और उनके स्वास्थ्य की देखभाल सुनिश्चित करने जैसे लाभ होंगे. इसके साथ ही, ऑर्गेनिक खाद की उपलब्धता बढ़ेगी, जिससे किसानों को रासायनिक खाद पर निर्भरता कम होगी. इससे पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि रासायनिक खाद और कीटनाशकों का उपयोग कम होगा. इसके अतिरिक्त, ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा.
किसानों की प्रतिक्रिया
किसानों ने सरकार की इस योजना का स्वागत किया है. कई किसानों का मानना है कि ऑर्गेनिक खेती के माध्यम से वे न केवल बेहतर गुणवत्ता की फसल उगा सकेंगे, बल्कि इससे उनकी आय में भी वृद्धि होगी. एक किसान, राजेश कुमार, ने कहा, “ऑर्गेनिक खेती के माध्यम से हमें रासायनिक खादों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा और हम अपनी फसलों को प्राकृतिक तरीके से उगा सकेंगे. इससे हमारी आय में भी वृद्धि होगी.“