झारखंड की सभी जेलों में टेलीमेडिसिन की सुविधा शुरू होने जा रही है. राज्य के स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस प्रक्रिया को प्रारंभ कर दिया गया है, जिससे जेलों में बंद कैदियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो सकेंगी। यह सुविधा विशेष रूप से कैदियों के स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे कैदियों को जेल के अंदर ही विशेषज्ञ चिकित्सकों से परामर्श मिल सकेगा.
आदेश और दिशा-निर्देश
झारखंड के स्वास्थ्य निदेशक ने सभी सिविल सर्जनों को निर्देश दिया है कि वे जेलों में टेलीमेडिसिन की सुविधा को अविलंब शुरू करें. इस संबंध में आवश्यक व्यवस्था और तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने संबंधित विभागों को सक्रिय कर दिया है.
सर्वोच्च न्यायालय का आदेश
सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य की सभी जेलों में टेलीमेडिसिन की सुविधा प्रदान करने का आदेश दिया था, जिसके अनुपालन में यह कदम उठाया जा रहा है. राज्य के गृह, कारा और आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव के निर्देश पर इस योजना की शुरुआत की गई है.
एनआईईएचपीएस और कैदी स्वास्थ्य सेवा
नेशनल आयुर्विज्ञान एवं स्वास्थ्य संस्थान (एनआईईएचपीएस) के माध्यम से यह सेवा प्रदान की जाएगी. यह संस्था राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत स्वास्थ्य सेवाओं का संचालन करती है. एनआईईएचपीएस के चिकित्सक कैदियों को टेलीमेडिसिन के माध्यम से परामर्श देंगे.
जेलों में विशेष व्यवस्था
राज्य की सभी जेलों में टेलीमेडिसिन की सुविधा के लिए आवश्यक उपकरण और तकनीकी सेटअप लगाए जा रहे हैं. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक विस्तृत योजना तैयार की है. जेलों में वाई-फाई और अन्य आवश्यक तकनीकी सुविधाएं भी स्थापित की जाएंगी ताकि कैदियों को बिना किसी बाधा के टेलीमेडिसिन सेवा का लाभ मिल सके.
स्वास्थ्य निदेशक का बयान
स्वास्थ्य निदेशक ने बताया कि जेलों में टेलीमेडिसिन की सुविधा के शुरू होने से कैदियों को उच्चस्तरीय चिकित्सा सेवाएं मिल सकेंगी. यह सुविधा विशेष रूप से उन कैदियों के लिए लाभकारी होगी जिन्हें विशेषज्ञ चिकित्सकों से परामर्श की आवश्यकता होती है. निदेशक ने यह भी कहा कि इससे जेलों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा और कैदियों की स्वास्थ्य समस्याओं का त्वरित समाधान हो सकेगा.
उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार, राज्य की सभी जेलों में टेलीमेडिसिन की सुविधा प्रदान की जानी चाहिए. इस आदेश का पालन करते हुए झारखंड सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को यह जिम्मेदारी सौंपी है. सरकार का मानना है कि इस सुविधा से कैदियों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिलेगा और उनकी स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान जल्दी और प्रभावी तरीके से हो सकेगा.
चिकित्सकों की भूमिका
एनआईईएचपीएस के विशेषज्ञ चिकित्सक कैदियों की स्वास्थ्य समस्याओं का निदान करेंगे और उन्हें आवश्यक चिकित्सा परामर्श प्रदान करेंगे. चिकित्सक टेलीमेडिसिन के माध्यम से कैदियों की स्वास्थ्य समस्याओं की जांच करेंगे और उन्हें उचित उपचार की सलाह देंगे. यह सुविधा जेलों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाने और कैदियों की स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.
स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार
इस टेलीमेडिसिन सुविधा के शुरू होने से झारखंड की जेलों में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार होगा. कैदियों को विशेषज्ञ चिकित्सकों से परामर्श मिलने से उनकी स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान होगा और उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी. सरकार का उद्देश्य है कि सभी कैदियों को उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हों और उनकी स्वास्थ्य समस्याओं का त्वरित समाधान हो सके.
सरकार का दृष्टिकोण
झारखंड सरकार का मानना है कि टेलीमेडिसिन की सुविधा से कैदियों को उच्चस्तरीय चिकित्सा सेवाएं मिल सकेंगी और उनकी स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान हो सकेगा. सरकार का उद्देश्य है कि सभी कैदियों को उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हों और उनकी स्वास्थ्य समस्याओं का त्वरित समाधान हो सके.