रांची की शैली की मधुबनी पेंटिंग्स ने न्यूयॉर्क में मचाया धमाल..

रांची की शैली की मधुबनी पेंटिंग को न्यूयॉर्क में आयोजित अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी में सराहा गया. मधुबनी और मिथिला पेंटिंग को राज्य की कलाकार अंतरराष्ट्रीय फलक पर पहचान दिला रहे हैं. इसी क्रम में रांची की शैली झा की मधुबनी पेंटिंग्स ने न्यूयॉर्क में धूम मचाई है. संयुक्त राष्ट्र संघ के न्यूयॉर्क स्थित मुख्यालय में 3 से 17 जुलाई तक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. शैली ने इस प्रदर्शनी में ग्लोबल वार्मिंग और पर्यावरण संरक्षण जैसे विषयों पर ध्यान केंद्रित किया.

प्रदर्शनी में शैली की पेंटिंग्स की धूम..
शैली की मधुबनी पेंटिंग्स में भारतीय कला की परंपरागत सुंदरता और समकालीन मुद्दों का संयोजन देखने को मिला. उनकी पेंटिंग्स में जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग, और पर्यावरण संरक्षण की समस्याओं को उकेरा गया है. इस प्रदर्शनी में विभिन्न देशों के कलाकारों की पेंटिंग्स शामिल थीं, लेकिन शैली की पेंटिंग्स ने अपनी खास पहचान बनाई. उनकी पेंटिंग्स को वहां मौजूद कला प्रेमियों और विशेषज्ञों से खूब सराहना मिली.

संयुक्त राष्ट्र में शैली की पेंटिंग्स की प्रशंसा..
संयुक्त राष्ट्र में आयोजित इस प्रदर्शनी का उद्घाटन संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस ने किया. उन्होंने शैली की पेंटिंग्स की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनकी पेंटिंग्स न केवल भारतीय कला की परंपरा को जीवित रखती हैं, बल्कि समकालीन मुद्दों पर भी जागरूकता फैलाती हैं. उन्होंने कहा कि शैली की पेंटिंग्स में ग्लोबल वार्मिंग और पर्यावरण संरक्षण के संदेश को बहुत ही सुंदर तरीके से प्रस्तुत किया गया है.

प्रदर्शनी में शैली की विशिष्टता..
शैली की पेंटिंग्स ने प्रदर्शनी में एक अलग ही पहचान बनाई। उन्होंने अपने कला कौशल से न केवल भारतीय कला की परंपरा को प्रदर्शित किया, बल्कि उसमें समकालीन मुद्दों को भी बहुत ही प्रभावी ढंग से उकेरा. उनकी पेंटिंग्स में मिथिला संस्कृति की झलक साफ दिखाई दी. शैली वर्तमान में न्यू जर्सी, अमेरिका में रहती हैं और वहीं से अपने कला कार्य को बढ़ावा दे रही हैं.

शैली की उपलब्धियाँ और भविष्य की योजनाएँ..
शैली की पेंटिंग्स ने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शिनियों में भाग लिया है और कई पुरस्कार भी जीते हैं. वे वर्तमान में न्यू जर्सी के एक कला संस्थान में कला शिक्षिका के रूप में कार्यरत हैं. शैली कहती हैं कि उनकी पेंटिंग्स का उद्देश्य न केवल कला को बढ़ावा देना है, बल्कि समाज में जागरूकता फैलाना भी है. वे कहती हैं, “मेरा उद्देश्य केवल पेंटिंग करना नहीं है, बल्कि इसके माध्यम से समाज को जागरूक करना भी है. ग्लोबल वार्मिंग और पर्यावरण संरक्षण जैसे मुद्दों पर लोगों को जागरूक करना मेरी प्राथमिकता है.“

शैली की पेंटिंग्स का भविष्य..
शैली की पेंटिंग्स का भविष्य उज्ज्वल है. उनकी पेंटिंग्स ने न्यूयॉर्क की इस प्रदर्शनी में जो सराहना पाई है, वह उनके कला कौशल का प्रमाण है. वे आगे भी इसी तरह कला के माध्यम से समाज में जागरूकता फैलाने का कार्य जारी रखेंगी. शैली की पेंटिंग्स ने न केवल भारतीय कला को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाई है, बल्कि समकालीन मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित किया है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *