मनरेगा कर्मियों का धरना प्रदर्शन: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर वादा तोड़ने का आरोप…

झारखंड के जामताड़ा जिले में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) कर्मियों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया. मनरेगा कर्मियों का आरोप है कि चुनाव से पहले सोरेन ने उन्हें स्थाई नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. इसी वादे को याद दिलाने के लिए जिले भर के मनरेगा कर्मियों ने बुधवार को समाहरणालय के समीप हल्ला बोल कार्यक्रम आयोजित किया. इस धरना प्रदर्शन में जिले के एई, जेई, रोजगार सेवक सहित अन्य मनरेगा कर्मियों ने भाग लिया. मनरेगा कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष नरेश सिंह ने कहा कि संविदा कर्मी होने के कारण वे मंत्री से लेकर पदाधिकारी तक और उनके सहयोगी कर्मचारी तक हीन भाव से देखे जाते हैं. उन्होंने बताया कि मनरेगा कर्मी पिछले 16 वर्षों से नियमित नौकरी की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने अब तक इस पर ध्यान नहीं दिया है.

बंधुआ मजदूर की तरह काम करवाना

नरेश सिंह ने कहा कि मनरेगा कर्मी 24 घंटे बंधुआ मजदूर की तरह काम करते हैं. सरकार सभी विभागों का काम इनसे करवा रही है. सरकारी कर्मियों को 50 से 60 हजार रुपये वेतन दिया जाता है, जबकि मनरेगा कर्मियों को अल्प मानदेय पर दिन-रात हर विभाग का काम करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि मनरेगा कर्मियों को भी अन्य सरकारी कर्मियों की तरह सारी सुविधाएं मिलनी चाहिए.

महंगाई में 10 हजार रुपये में घर चलाना असंभव

मनरेगा कर्मियों का कहना है कि मौजूदा समय में महंगाई काफी बढ़ चुकी है और 10 हजार रुपये के मानदेय पर घर परिवार चलाना नामुमकिन हो गया है. इस स्थिति में मनरेगा कर्मियों के लिए खुद का और अपने परिवार का भरण-पोषण करना मुश्किल हो गया है. सरकारी अफसरों द्वारा शोषण की शिकायत भी इन कर्मियों ने की.

चुनाव में नहीं मिला समान मानदेय

धरना प्रदर्शन कर रहे मनरेगा कर्मियों ने बताया कि चुनाव के दौरान उनसे काम लिया गया, लेकिन सरकारी कर्मियों की तरह उन्हें कोई अलग से मानदेय नहीं दिया गया. मनरेगा कर्मियों को ना मजदूरी मिली, ना ही कोई अतिरिक्त मानदेय. कर्मियों का कहना है कि उन्हें नियमित किया जाना चाहिए ताकि संविदा कर्मी होने की धमकियों से छुटकारा मिल सके.

हेमंत सोरेन भूल गए अपना वादा

धरना प्रदर्शन के दौरान कर्मियों ने आरोप लगाया कि झामुमो (झारखंड मुक्ति मोर्चा) के नेता हेमंत सोरेन ने पिछले चुनाव में वादा किया था कि अगर उनकी सरकार बनेगी तो मनरेगा कर्मियों को सम्मानपूर्वक स्थाई किया जाएगा. लेकिन पांच साल होने के बावजूद भी इस वादे को पूरा नहीं किया गया. कर्मियों का कहना है कि उन्होंने मुख्यमंत्री को उनका वादा याद दिलाने के लिए धरना प्रदर्शन शुरू किया है और यह तब तक जारी रहेगा जब तक वादा पूरा नहीं होता.

डीसी को सौंपा ज्ञापन

धरना प्रदर्शन के बाद मनरेगा कर्मियों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नाम एक ज्ञापन जिला कलेक्टर (डीसी) को सौंपा. ज्ञापन में उन्होंने अपने मांगों को प्रमुखता से रखा और कहा कि सरकार को जल्द से जल्द इस पर कार्रवाई करनी चाहिए. मौके पर जामताड़ा प्रखंड के अध्यक्ष तापस कुमार मंडल, करमाटांड़ के प्रखंड अध्यक्ष कासिम नोमानी, नारायणपुर के प्रखंड अध्यक्ष मेघवाल रजक आदि कर्मी भी उपस्थित थे. इस प्रकार, मनरेगा कर्मियों ने अपने अधिकारों और वादों को लेकर सरकार से अपनी मांगों को पूरा करने की जोरदार अपील की है. कर्मियों का कहना है कि अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वे आगे भी धरना प्रदर्शन और नारेबाजी जारी रखेंगे.

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