देवघर : झारखंड के देवघर में संताल परगना की धरती पर भारत सरकार की महत्वपूर्ण पहल के रूप में एम्स की स्थापना हुई है. इस एम्स के शुरू होने से स्वास्थ्य सेवाओं में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है. यहां पर 24 अगस्त 2021 से ओपीडी सेवाएं और 12 जुलाई 2022 से आईपीडी सेवाएं भी शुरू हुईं हैं. एम्स देवघर का क्षेत्रफल 237 एकड़ है और इसमें कुल 21 भवन बनाए गए हैं, जिनमें से अब तक 19 भवन हैंडओवर हो चुके हैं। एम्स में एमबीबीएस की पढ़ाई 2019 से शुरू हुई है और अगले साल से पहला सत्र का 48 छात्र डॉक्टर बनकर देश सेवा में जुटेंगे। बता दें कि यहां पर ट्राइबल हेल्थ पर रिसर्च भी शुरू किया गया है और जनवरी 2025 से ओपीडी में तीन हजार मरीजों को सेवाएं दी जाएंगी, साथ ही अस्पताल में 750 बेड की आवश्यकता पर ध्यान दिया गया है. इसके अलावा, एम्स देवघर में इमरजेंसी सेवा भी तीन महीने बाद बहाल होने की योजना बनाई गई है. एम्स देवघर के विस्तार में कई अड़चनें आई हैं, जिनमें राज्य सरकार के साथ मशीनरी और विद्युत संपूर्ण व्यवस्था की कमी शामिल है. इसके बावजूद, एम्स के कार्यकारी निदेशक डॉ. सौरभ वाष्र्णेय ने बताया कि राज्य सरकार के सहयोग से जनवरी 2025 तक सभी सेवाएं पूरी क्षमता के साथ उपलब्ध हो जाएंगी. बता दें कि एम्स देवघर में एमबीबीएस का पहला सत्र 2019 में शुरू हुआ था और इसमें अब तक 48 छात्रों की डिग्री प्राप्ति की तैयारी जारी है. जनवरी में इन छात्रों को डॉक्टर की डिग्री भी प्राप्त हो जाएगी। साथ ही, यहां पर नर्सिंग और पीजी स्तर पर भी पढ़ाई शुरू हुई है. एम्स देवघर की यह सफलता दर्शाती है कि सरकारों और समाज के सहयोग से स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाया जा सकता है. यहां पर उपलब्ध सभी सेवाएं मरीजों के लिए एक संकेत है कि उन्हें उचित और समय पर चिकित्सा सेवाएं मिलने वाली हैं.