पूर्व मंत्री आलमगीर आलम ने विशेष सत्र में शामिल होने के लिए कोर्ट से मांगी अनुमति..

पूर्व मंत्री आलमगीर आलम ने एक विशेष सत्र में शामिल होने के लिए न्यायालय से अनुमति मांगी है. 8 जुलाई को इस मामले में सुनवाई की जाएगी. इसी दिन हेमंत सोरेन सरकार को विधानसभा में अपना बहुमत भी साबित करना है, जिससे यह दिन झारखंड की राजनीति में महत्वपूर्ण हो गया है.

आलमगीर आलम का कमीशन घोटाला
आलमगीर आलम वर्तमान में जेल में बंद हैं. यह स्थिति तब उत्पन्न हुई जब टेंडर कार्य आवंटन के बाद कमीशन घोटाला मामले में उन्हें दोषी पाया गया. उनके खिलाफ आरोप है कि उन्होंने 25 टेंडरों के बदले 1.23 करोड़ रुपये कमीशन के रूप में प्राप्त किए थे. यह मामला तब खुला जब उनके निजी सचिव के नौकर के घर से करोड़ों रुपये नकद (नोटों का पहाड़) बरामद हुआ.

ईडी की कार्रवाई
मई 2024 में, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से खुलासा किया कि आलमगीर आलम ने 92 करोड़ रुपये के 25 टेंडरों के बदले में 1.23 करोड़ रुपये कमीशन के रूप में प्राप्त किए थे. इसके बाद ईडी ने कई स्थानों पर छापेमारी की और भारी मात्रा में नकदी, दस्तावेज, और अन्य संपत्तियां जब्त कीं। ईडी की ताबड़तोड़ कार्रवाई ने झारखंड की राजनीति में भूचाल ला दिया है.

न्यायालय की सुनवाई
8 जुलाई को विशेष सत्र में शामिल होने की अनुमति पर न्यायालय में सुनवाई होगी. यह मामला इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी दिन हेमंत सोरेन सरकार को विधानसभा में अपना बहुमत साबित करना है. ऐसे में आलमगीर आलम की उपस्थिति विधानसभा की कार्यवाही में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है. न्यायालय से अनुमति मिलने पर आलमगीर आलम को विशेष सुरक्षा व्यवस्था के तहत विधानसभा लाया जाएगा.

हेमंत सोरेन सरकार के लिए चुनौती
हेमंत सोरेन सरकार के लिए 8 जुलाई का दिन किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है. बहुमत साबित करने के लिए उन्हें विधायकों का समर्थन जुटाना होगा. आलमगीर आलम की उपस्थिति या अनुपस्थिति सरकार के समीकरणों को प्रभावित कर सकती है. ऐसे में सरकार और विपक्ष, दोनों ही पक्ष इस सुनवाई पर नजरें गड़ाए हुए हैं.

राजनीति में उथल-पुथल
इस मामले ने झारखंड की राजनीति में उथल-पुथल मचा दी है. एक तरफ जहां आलमगीर आलम की गिरफ्तारी ने सरकार की छवि को धक्का पहुंचाया है, वहीं दूसरी तरफ ईडी की कार्रवाई ने विपक्ष को नए मुद्दे प्रदान किए हैं. विपक्ष ने सरकार पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से इस्तीफे की मांग की है.

मीडिया और जन प्रतिक्रिया
मीडिया में इस मामले की व्यापक कवरेज हो रही है. आलमगीर आलम के घर से मिली नकदी की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. जनता में इस मामले को लेकर भारी आक्रोश है. लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. जनता का मानना है कि इस तरह के घोटाले सरकार की नीतियों और कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हैं.

भविष्य की संभावनाएं
यदि आलमगीर आलम को विशेष सत्र में शामिल होने की अनुमति मिलती है, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि वे विधानसभा में अपनी उपस्थिति से क्या रणनीति अपनाते हैं. वहीं, हेमंत सोरेन सरकार के लिए यह चुनौतीपूर्ण समय है. उन्हें न केवल बहुमत साबित करना है बल्कि अपनी सरकार की साख भी बचानी है.

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