झारखंड में इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपा का जादू नहीं दिख पाया, ना ही नरेंद्र मोदी का चेहरा और दूसरे राज्यों की तरह भ्रष्टाचार के खिलाफ हल्ला बोल का असर ही जनता पर पड़ा. तो वहीं दूसरी ओर बिहार में सीबीआई और ईडी की मार झेल रहे लालू प्रसाद यादव के परिवार को जनता ने माफ कर दिया. झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, मंत्री आलमगीर आलम और दो आईएएस अफसरों समेत कई लोगों के भ्रष्टाचार को भी भाजपा भुना नहीं सकी. यह कहना कि जनता को इससे कोई फर्क नहीं पड़ा कुछ गलत नहीं होगा. जनता ने बिहार में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए से नौ सीटें छीन कर लालू यादव की पार्टी आरजेडी के नेतृत्व वाले महागठबंधन को दे दीं. जहां 2019 के लोकसभा चुनाव में आरजेडी को एक भी सीट नहीं मिली थी, वहीं इस बार के लोकसभा चुनाव में उन्होंने चार सीटें अपने नाम कर ली. इससे एक बात साफ हो गई है कि जनता के लिए भ्रष्टाचार अब कोई मुद्दा नहीं रह गया है. बहरहाल, इसी साल के अंत में महाराष्ट्र, हरियाणा और जम्मू कश्मीर के साथ-साथ झारखंड में भी विधानसभा चुनाव का होना तय है.इसी साल के अंत में विधानसभा का चुनाव होना है. जेएमएम के नेतृत्व वाली झारखंड की महागठबंधन सरकार ने धीरे-धीरे चुनावी पेंच लड़ाने शुरू कर दिए हैं. वहीं लोकसभा चुनाव में पांच सीटों पर भाजपा को मात देने के बाद इंडिया ब्लाक काफी खुश है.
चुनावी वादों को पूरी करने में लगी है झारखंड सरकार
साल 2019 में हुए झारखंड विधानसभा चुनाव में जेएमएम ने जो वादे किए थे, उनमें कुछ पूर्व सीएम हेमंत सोरेन ने पूरे किए थे, लेकिन बाकि बचे सारे कार्यों को पूरा करने में सीएम चंपई सोरेन लगे हुए हैं. राज्य सरकार ने सरकारी कर्मचारियों की बंद हो चुकी पेंशन स्कीम को शुरू करवा के सबसे बड़ा काम यह किया है. राज्य सरकार के फैसले के अनुसार एक सितंबर 2022 के बाद रिटायर सरकारी कर्मियों के अलावा एक दिसंबर 2004 से एक सितंबर 2022 के बीच रिटायर कर्मचारियों को भी पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिला है. साथ ही वैसे रिटायर सरकारी कर्मचारियों जिन्होंने सेवा के 10 साल पूरे कर लिए हों उनको भी पेंशन की सुविधा प्राप्त हो सकेगी.
झारखंड वासी हर महिला को मिलेगा अब 1000 रुपया
चंपई सोरेन सरकार ने महिलाओं पर के लिए बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने महिलाओं के बैंक खाते में हर महीने एक हजार रुपए भेजने की घोषणा की है. कहा जा रहा है कि महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूती प्रदान के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है, पर हकीकत में तो उन्होंने महिलाओं के मजबूतीकरण के नाम पर 1000 रुपय का दाव हीं खेला है. असल में आगामी चुनाव के लिए सभी अपने-अपने हथकंडे आजमाने लगे हैं। सरकार का दावा है कि इस योजना से 40 लाख महिलाओं का लाभ होने जा रहा है. यह योजना 1 जुलाई से ही शुरू होने जा रही है. राज्य सरकार ने इस योजना का नाम ‘मुख्यमंत्री बहन-बेटी स्वावलंबन प्रोत्साहन योजना’ रखा है. इसे पश्चिम बंगाल की लख्खी भंडार योजना के तरीके पर बनाया गया है.
सरकार ने घटाई बुजुर्गों के पेंशन की उम्र
हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद चंपई सोरेन ने जब सीएम की कुर्सी संभाली तब उन्होंने कहा था कि हेमंत सोरेन के सपने को साकार करेंगे. उनके दिए सभी वादों को पूरा किया जाएगा. इसी बीच मुख्यमंत्री ने महिलाओं और एसटी-एसटी कैटेगरी के पुरुषों को वृद्धावस्था में मिलने वाले पेंशन के लिए उम्र सीमा घटा दी. पहले 60 साल में ही ओल्ड एज पेंशन मिलती थी. पर अब पेंशन सुविधा पाने के लिए केवल 50 साल की आयु का होना अनिवार्य है. इसी दौरान सीएम ने 25 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को भी पेंशन सुविधा मुहैया कराने की बात कही है.
200 यूनिट तक बिजली का कर सकेंगे फ्री उपभोग
हेमंत सोरेन ने अपनी सत्ता में उपभोक्ताओं के लिए 100 यूनिट मुफ्त बिजली देने की घोषणा की थी जिसे बाद में बढ़ा कर 125 यूनिट किया गया था. वहीं अब चंपाई सोरेन ने इसे बढ़ाकर 200 यूनिट कर दी है. यानी कोई उपभोक्ता अगर 200 यूनिट तक बिजली खपत करता है तो उसे किसी प्रकार का शुल्क नहीं देना होगा. मुफ्त बिजली स्कीम की शुरूआत सबसे पहले दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने की थी. जिसका जबरदस्त लाभ आम आदमी पार्टी को मिला. 2013 की अल्पमत सरकार से आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सीएम बनने तक का सफर शुरू किया था और आज वह प्रचंड बहुमत की सरकार के रूप में बने हुए हैं.
अबुआ आवास योजना द्वारा लाभुकों को मिलेगा 20 लाख मकान
राज्य सरकार ने अबुआ आवास योजना के तहत 2027 तक लोगों को 20 लाख मकान देने की घोषणा की है. सरकार इस बात पर खास ध्यान रखेगी कि कोई भी बिचौलिए अबुआ आवास के लाभुकों से किसी प्रकार का नाजायज लाभ न लें. सरकार ने कहा है कि बिचौलियों की शिकायत मिलने पर उनके खिलाफ सख्त कदम लिया जाएगा. अबुआ आवास योजना ठीक पीएम आवास योजना के तरीके पर बनाई गई है. गौरतलब है कि सरकार योजनाओं पर योजनाएं बना रही हैं, लेकिन इसमें कोई अचंभे या आश्चर्य की बात नहीं है क्योंकि हर सरकार चुनाव के वक्त ऐसी घोषणाएं करती है या ऐसी योजनाएं लागू करती रही है, जिससे उनके चुनावी प्रचार और मत पर सकारात्मक असर पड़े.
गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का भी हुआ शुभारंभ
सीएम चंपई सोरेन ने उच्चतर शिक्षा में छात्रों को आर्थिक मदद पहुंचाने के उद्देश्य से हेमंत सोरेन द्वारा घोषित गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का शुभारंभ भी कर दिया है. उच्च शिक्षा के लिए छात्र-छात्राओं को सरकार की ओर से अब आसानी से 15 लाख तक का कर्ज प्राप्त हो सकेगा. योजना का शुभारंभ करते हुए सीएम ने कहा कि इससे शिक्षा का स्तर बढ़ेगा और समाज में बेहतर बदलाव आएगा. उन्होंने बताया कि बेहतर शिक्षा हेमंत सोरेन का सपना था, जिसे पूरा करने के लिए सरकार ने हर जिले में अत्याधुनिक सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस खोले थे. बच्चों की छात्रवृत्ति में बढ़ोतरी की गई थी. बेटियों को भी सरकार ने मदद दिलाई थी. उन्हें सावित्री बाई फुले किशोरी समृद्धि योजना से भी जोड़ा गया. तकनीकी शिक्षा के प्रति बच्चों में इच्छा जगाने के लिए मानकी मुंडाछात्रवृत्ति योजना भी शुरू की गई. गरीब परिवारों के बच्चों को विदेश जाकर अध्ययन के लिए मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा परदेशीय छात्रवृत्ति भी शुरू की गई.
चंपई सोरेन का मास्टर स्ट्रोक “कास्ट सर्वे”
बिहार के बाद अब झारखंड दूसरा राज्य होगा, जहां जाति सर्वेक्षण का काम किया जाएगा. जेएमएम के अलावा महागठबंधन के साथी दल कांग्रेस और आरजेडी भी इसकी मांग करते रहे हैं. राहुल गांधी ने तो लोकसभा चुनाव के दौरान यह घोषणा भी की थी कि अगर इंडिया ब्लाक की सरकार सत्ता में आई तो राष्ट्रीय स्तर पर जातीय जनगणना कराई जाएगी. यह इसलिए भी आवश्यक हो जाता है क्यूंकि झारखंड सरकार आरक्षण की सीमा बढ़ाना चाहती है. पर, इसके लिए किसी मान्य संस्था के सर्वे के आंकड़े जरूरी हैं. हालांकि, राज्य सरकार ने विधानसभा से आरक्षण सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव पारित कर राजभवन को भेजा था, लेकिन राज्यपाल ने उसे वापस भेज दिया था. बिहार में आरक्षण बढ़ाने के कानून को पटना हाई कोर्ट द्वारा नकारे जाने से इस मामले की सफलता फिलहाल संदिग्ध दिख रही है.