टमाटर के कीमत में आई गिरावट..

Jharkhand: तीन-चार महीनों से जहां टमाटर 150 से 200 रुपये बिक रहीं थी। वही अब टमाटर की कीमत में गिरावट देखने को मिल रही है। तीन दिन पहले तक 40 से 50 रुपये पाव की दर से बिक रहा टमाटर अब 30 से 40 रुपये पाव की दर से बिक रहा है। टमाटर विक्रेताओं का कहना है कि अब जल्दी ही टमाटर की कीमतों में गिरावट शुरू होगी।

आधा किलो खरीद सकते हैं अब टमाटर….
टमाटर विक्रेताओं का कहना है टमाटर की दाम में गिरावट अब संभव है वहीं महीना दिन में स्थानीय टमाटर की आवक भी तेज हो जायेगी। जिससे कीमत और कम होगी। इसके बाद से लोगों को काफी राहत मिलेगी। टमाटर की कीमत में थोड़ी गिरावट आने से इसकी ब्रिकी भी सुधरी है। सब्जी की दुकानों से जो लोग पहले एक पाव टमाटर ले रहे थे, वह अब आधा किलो तक की खरीदारी कर रहे है।

सब्जियों की कीमत में भी आई गिरावट…
टमाटर के साथ-साथ सब्जी मंडी में सब्जियों के भी दम मैं भी उछाल आया था। जिससे सब्जियों के दाम में बढ़ोतरी ने कुछ दिनों से आम जनता की कमर तोड़ के रख दी थी। टमाटर के दाम गिरने के साथ-साथ उधर सब्जियों की कीमत में भी गिरावट आयी है। फूल गोभी से लेकर बींस सहित अन्य सब्जियों की कीमत गिरी है। बाजार में सबसे सस्ता भिंडी, कद्दू व परवल बिक रहा है। तीनों 25 से 30 रुपये किलो की दर से बिक रहे है। इसके अलावा गोभी 40 से 50 रुपये और पत्ता गोभी 25 से 30 रुपये की दर से बिक रही है। वहीं हरी मिर्च 60 से 80 रुपये किलो की दर से बिक रही है।

अदरक बिक रहा है सबसे महंगा….
अदरक 200 से 250 रुपये किलो की दर से सबसे महंगा बिक रहा है। पिछले महीने की तुलना में इस महीने इसकी कीमत गिरी है। यह पिछले माह 280 से 300 रुपये किलो की दर से बिक रहा था। झारखंड के बाजार में इन दिनों ओड़िशा से अदरक मंगाया जा रहा है। वहीं स्थानीय अदरक 15 से 20 दिन में आ जायेगा। जिसके बाद से कीमत और गिरेगी। पंडरा स्थित थोक मंडी में अदरक बढ़िया 180 रुपये किलो की दर से बिक रहा है। वहीं लहसुन थोक में 90 से 150 रुपये किलो की दर से बिक रहा है।

थोक में कितनी है कीमत कीमत …. थोक में प्याज 20 से 23 रुपये किलो की दर से बिक रहा है। वहीं थोक में आलू 10 से 14 रुपये किलो की दर से बिक रहा है। सप्ताह दिन पहले तक प्याज 14 से 15 रुपये किलो की दर से थोक में बिक रहा था। टमाटर के बाद प्याज के दामों में बढ़ोतरी हो सकती है प्याज के दामों में बढ़ोतरी का मुख्य कारण विदेशों में प्याज की मांग होने व प्याज उत्पादक राज्य में बारिश होने से इसकी खेती प्रभावित हुई है। दो से ढाई महीनों के अंदर नया प्याज आने के बाद ही कीमत में गिरावट आयेगी।

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