मशहूर बॉलीवुड के गायक अखिल सचदेवा 15 अप्रैल को रांची जिमखाना क्लब में लाइव परफॉर्मेंस करने वाले है। अखिल अपने इंडिया टूर-2023 के लिए रांची आ रहे है। क्लब के क्रिकेट स्टेडियम में शाम सात बजे से रात 10 बजे तक ‘द बिग बॉलीवुड नाइट’ की महफिल सजने वाली है। गायक ने कहा कि रांची की जनता मेरे दिल के काफी करीब है। यहां की जनता के म्यूजिक टेस्ट से परिचित हूं। रांची और झारखंड में लोगों के लिए प्राइवेट कन्सर्ट किया है। लोग काफी समय से मुझे यहां आने के लिए कह रहे थे। इंडिया टूर में इसलिए रांची को चुना है। लाइव शो से जनता के दिल से जुड़ने के लिए बेताब हूं।
रांची शहर को इंडिया टूर में रखा पहले..
अखिल ने कहा कि इंडिया टूर की शुरुआत 17 मार्च से दिल्ली से कर दी है। काफी समय से रांची आना चाह रहा था। टूर की प्लानिंग इसलिए रांची से की है। लाइव कंसर्ट के जरिए लोगों से दिल से जुडूंगा और संगीत की अनोखी अनुभूति से लोगों को भर दूंगा।
क्रिकेट का लगाव भी रांची आने की वजह है..
अखिल को क्रिकेट में दिलचस्पी हमेशा से रही है। दिल्ली की अंडर-16 टीम के साथ खेला है। क्रिकेट में बेहतर खेलते देख माता पिता क्रिकेट से भविष्य बनाने का सोचते थे। लेकिन समय बदलता है, जीवन में उतार-चढ़ाव आते है। जिससे क्रिकेट छोड़ कर जीवन में आगे बढ़ा। क्रिकेट से लगाव पर आज भी है जो माही के शहर मुझे खींच रहा है।
अपने जीवन के बॉलीवुड के सफर पर भी बात की..
अखिल का कहना है कि संगीत से जुड़ने के बाद स्टेज शो करके पहचान बनाया। फिर राहत फतेह अली खान साहब के गाने “मैं तेनू समझावा”का कवर सांग बनाया और एक पंजाबी गाना बनाया। जो मुंबई के लोगों के मध्य मेरी आवाज को ले गया जिससे मेरी जिंदगी बदल गई। अभिनेत्री हुमा कुरैशी जोकि मेरी बचपन की दोस्त है उनको हफसफर… गीत का कंपोजिशन सुनाया। 2015 ईद की एक पार्टी में जहां बॉलीवुड के तमाम चेहरे भी थे, हुमा ने आमंत्रित किया। संगीत का जैम सेशन हुआ। बस मुझे गाता सुनकर लोगों ने मेरे संगीत की न सिर्फ सराहा बल्कि मुझे काम भी दिया।
बदलते समय में संगीत बना सहारा..
मेरे घर परिवार पर जब समय कठिन था तब संगीत ही एकमात्र सहारा था। स्कूल समय में गिटार बजाया करता था। उस समय तक शौक था बस। फिर स्कूल से ही इसको आगे बढ़ाया। लोगो को सुनाकर खुशी मिलती थी, समय के साथ संगीत ने मुस्कुराना सिखाया है। एक दिन एहसास हुआ कि संगीत से ही आगे बढ़ना है। 14 वर्ष बीत गये, आज भी संगीत को समझने की कोशिश में लगा हुआ हूं। इसके साथ मैंने देश का पहला सूफी राक बैंड- ‘नशा’ तैयार किया। इसके बाद हिंदी गीतों के साथ सूफी ट्रेंड शुरू हुआ। अब बस सोते जागते, उठते बैठते सिर्फ संगीत ही सोचता हूं।
संगीत को लगन से सीखा है इसमें बदलाव होते रहते है..
संगीत कल्चर में परिवर्तन होता रहता है… बेहतर संगीत बनाना एक जिम्मेदारी है। संगीत से जुड़े रहने में वाद्ययंत्र मददगार है। गिटार मैंने खुद से सीखा है। दूसरो को देखकर मन करता था। लगन से सीख गया। संगीतकार होते हुए भी, मैं सभी वाद्य यंत्र सीखना चाहता हूं। आनेवाले दिनों में बांसुरी भी सीखना है।
संगीत के लिए घर पर झूठ बोलता था..
गाने लिखते समय मैं किसी से नहीं मिलता। मोबाइल और लोगों से दूरी बना लेता हूं। कुछ समय पहले मेरा हाथ टूटा था और मां मिलने आनेवाली थी। घर वालों के आने पर मैंने लोगो से झूठ बोलवाया कि मैं घर पर नहीं हूं। उसी दिन मैंने गाना तेरा बन जाऊंगा… तैयार किया। नतीजा है कि इस वर्ष कई गाने लगातार रिलीज होंगे, जो बीते कई वर्षों में नहीं हुए। एक संगीत 19 मार्च को आने वाला है।जल्द ही बी-प्राक और जानी के साथ भी गाना आने वाला है। इसके बाद टिप्स म्यूजिक और म्यूजिक डायरेक्टर विशाल मिश्रा के साथ भी गाने आने वाले है।