पीटीआर क्षेत्र में लंबे इंतजार के बाद गूंजी बाघ की दहाड़..

लातेहार: झारखंड के पलामू बाघ अभयारण्य (पीटीआर) में करीब तीन वर्ष से भी अधिक समय के बाद से शनिवार को एक बाघ नजर आया। इसका दावा वन विभाग के अधिकारियों ने खुद किया है। पीटीआर में 2018 के बाद से अब तक कोई भी बाघ नहीं मिला था। फरवरी 2020 में यहां एक बाघिन प्राप्त हुई थी किंतु वो मृतक थी। पीटीआर (नॉर्थ) के उपनिदेशक प्रजेश जेना ने बताया कि अभयारण्य के कुटकू रेंज में एक बाघ दिखा है। जिसकी फोटो उन्होंने खुद अपने अपने मोबाइल कैमरे से ली। प्रजेश जेना ने यह भी बताया कि उनके पास इस बाघ की जानकारी पहले से ही मौजूद थी। बाघ ने शुक्रवार को एक बैल पर हमला कर उसे मार दिया था। इसलिए एक 20-सदस्यीय टीम पिछले तीन दिनों से उस इलाके में ही है।

2021 में भी मिली थी बाघ दिखने की जानकारी

पीटीआर के क्षेत्र निदेशक कुमार आशुतोष ने को बताया कि इससे पहले नवंबर 2021 में भी बैरसंड इलाके में बाघ दिखने की जानकारी सामने आई थी, लेकिन इसकी कोई फोटो किसी भी रूप में सामने नहीं आई। उन्होंने कहा कि पीटीआर में कुटकु रेंज छत्तीसगढ़ और झारखंड के बीच एक बाघ कॉरिडोर रहा है, लेकिन पिछले कुछ सालों से यहां कोई भी बाघ नहीं था।

पीटीआर में हो रही बाघों को वापसी

पीटीआर के क्षेत्र निदेशक कुमार आशुतोष ने कहा कि ऐसा लगता है कि बाघ वापस लौट रहे हैं। क्योंकि छत्तीसगढ़ में अच्छी संख्या में बाघ मौजूद हैं और वो झारखंड आ सकते हैं। वन विभाग के अधिकारी क्षेत्रीय ग्रामीणों को बाघ के बारे में सूचना देने का काम कर रहे हैं। साथ ही ग्रामीणों को बाघ से बचने के कई तरीके भी बता रहे हैं।

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