चारा घोटाला मामले में सज़ा काट रहे लालू प्रसाद यादव की कॉल ऑडियो वायरल होने के बाद अब हर तरह से रांची पुलिस घेरे में हैं. जैल प्रशासन ने अपनी जांच की रिपोर्ट रांची के उपायुक्त चवी रंजन को दे दी है. इस रिपोर्ट के आने के बाद रांची पुलिस और सुरक्षा अधिकारी शक के निगाहों पर हैं .
सौंपे गए रिपोर्ट में यह साफ़ तौर पर बताया गया है कि पुलिस की लापरवाही रही तभी लालू यादव तक मोबाइल पहुंचना सम्भव हो पाया. हालाकि अब भी रिपोर्ट में बातचीत की पुष्टि का जिक्र नहीं किया गया है. डीसी के निर्देश अनुसार जैल प्रशासन ने ललन पासवान से बातचीत के मामले की जांच की है. जांच रिपोर्ट के अनुसार केली बंगले में लालू की सुरक्षा में तैनात रांची पुलिस ने सावधानी नहीं बरती, जिसकी वजह से लालू प्रसाद तक मोबाइल पहुंचना सम्भव हो पाया. इसके बाद, डीसी लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों पर शिकंजा कस सकते हैं. एआइजी जेल प्रवीण कुमार ने कहा था कि लालू की सुरक्षा में जेल से संबंधित जवान नहीं बल्कि रांची पुलिस के जवान तैनात थे। बता दें कि जेल मैनुअल के अनुसार जेल से बाहर की सुरक्षा का जिम्मा जिला प्रशासन सहित जिला पुलिस की होती है।इधर रांची पुलिस भी पूरी तरह से छान- बीन में लग चुकी है.
बरियातू थाने में एफआइआर के लिए आवेदन मिलने के बाद संबंधित ऑडियो की फारेंसिक जांच की तैयारी की जा रही है। लालू प्रसाद के खिलाफ आवेदन पुंदाग के रहने वाले भाजपा नेता अनुरंजन अशोक ने दिया जिसमें आरोप लगाते हुए उन्होंने भाजपा के पीरपैंती विधायक ललन पासवान को लालू जेल से फोन पर बातचीत करने की बात कही है.