झारखंड सरकार की व्यवस्था पर सवाल उठने लगे है. कोरोना के मामलों में दूसरे राज्यों की तुलना में कुछ मामले क्या बढ़े कि सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था फेल नजर आने लगी है. 3000 सक्रिय मरीज पहुंचते ही बेड फुल हो गई. जिसके बाद अन्य राज्यों की तरह यहां भी सामान्य या बिना लक्षण वाले मरीजों को होम आइसोलेशन की छूट दे दी गई है.
हालांकि, आपको बता दें कि केंद्र की अनुमति इसे लेकर मई-जुन के महीने में ही मिल गई थी. जिसका विरोध करते हुए सरकार ने इसे नहीं अपनाया था. लेकिन, अब बढ़ते मामलों के बीच इसमें छूट दे दी गई है.
राज्य सरकार ने जो नई गाइडलाइन जारी की उसके अनुसार तय नियम व शर्तों के साथ ही होम आइसोलेशन की छूट दी जाएगी. नए संक्रमित मरीज जिनमें सामान्य या किसी भी तरह के लक्षण नहीं पाए जा रहे है उन्हें ही यह सुविधा मिल पाऐगी. इस गाइडलाइन के अनुसार जबतक मरीज पूरी तरह से स्वस्थ नहीं हो जाता किसी अपनों के संपर्क में भी नहीं आयेगा और स्वस्थ होने के बाद ही घर से बाहर कदम निकाल पाएगा. जबकि, जिन मरीजों को कैंसर, हार्ट किडनी प्रॉब्लम है या एचआईवी जैसी समस्या है उन्हें इसकी अनुमति बिल्कुल भी नहीं मिलेगी.
वहीं, हृदय, लीवर, मधुमेह व उच्च रक्तचाप के रोगियों को होम आइसोलेशन में रहने की छूट मिल तो सकती है लेकिन डॉक्टर की सलाह और गाइडलाइन फॉलो करने के शर्त पर.
क्या होंगी शर्तें..
- घर में मरीज का अलग कमरा होगा, जहां अटैच बाथरूम होगा. जिसके प्रयोग किसी और को करने की अनुमति नहीं होगी.
- मरीज गलती से भी घर के किसी और सदस्य के संपर्क में नहीं आयेगा
- मरीज के पास अपना एक मोबाइल डाटा के साथ होना चाहिए. जिससे वह लगातार डॉक्टरों के संपर्क में रह सके.
- इसके अलावा मरीज के पास अपना डिजीटल थर्मोमीटर होना चाहिए. जिससे निरंतर वह अपना तापमान माप सके.