महाअष्टमी पर छिन्नमस्तिका मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़, सुरक्षा के कड़े इंतजाम..

नवरात्रि की महाअष्टमी के मौके पर शनिवार को रजरप्पा स्थित छिन्नमस्तिका मंदिर समेत सभी देवी मंदिरों में सुबह ही भक्तों की भीड़ जुट गई। शाम होने तक माता के दर्शन व पूजा-अर्चना का क्रम जारी रहा। श्रद्धालु मंदिर में मास्क लगाकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए कतार में खड़े रहे। वहीं, रजरप्पा स्थित छिन्नमस्तिका मंदिर में महाअष्टमी पर होने वाली भीड़ को ध्यान में रखते हुए पुलिस-प्रशासन ने भी कड़े इंतजाम कर रखे थे। पूरे समय पुलिसकर्मी भक्तों को उचित दूरी बनाकर कतार में खड़े रहने तथा पूजा करने के लगातार निर्देश दे रहे थे।

माता के मंदिर को फूलों से भव्य तरीके से सजाया गया है। नवरात्र अनुष्ठान कर रहे हवन कुंडों से ज्योति प्रज्ज्वलित होते ही माहौल और भक्तिमय हो गया। चारों ओर वैदिक मंत्र गूंज रहे। सुबह की आरती शुरू होने के साथ ही श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी। झारखंड – बिहार से श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए यहां पहुंचे।

महाष्टमी के दिन दुर्गा मां के आठवें रूप, महागौरी की पूजा होती है। पुजारी बताते हैं कि इस दिन पूजा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इसलिए दूर दूर से भक्तों ने छिन्नमस्तिका मंदिर में अहले सुबह पहुंचकर निर्धारित मुहूर्त में माता के दर्शन किए। इधर, जंगल और पहाड़ों के बीच तथा भैरवी-भेड़ा और दामोदर नदी के संगम पर स्थित छिन्नमस्तिका मंदिर में लोग घूमने का भी आनंद उठाते देखे गए।

दुर्गाष्टमी पर उमड़ी भक्तों की भीड़ से मंदिर के आसपास के दुकानदार भी खुश दिखें। दरअसल, लॉकडाउन के बाद 8 अक्टूबर से राज्य के सभी धार्मिक स्थल खोल दिए गए। पर महाअष्टमी के दिन छिन्नमस्तिका मंदिर में अच्छी खासी उमड़ी भीड़ ने दुकानदारों को खुश कर दिया। पूजा के सामान व फूल-माला की बिक्री अच्छी तादाद में होने से काफी दिनों बाद दुकानदारों बेहतर कमाई का मौका मिला।

भीड़ के बीच सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए। सीसीटीवी कैमरे की मदद से भी लोगों पर नजर रखी गई। बड़े वाहनों को मंदिर परिसर से दो किमी पूर्व ही रोक दिया गया। इसके अलावा छोटे वाहन और बाइक को भी मंदिर से दूर लगाने का निर्देश दिया गया।

दूसरी तरफ पंडालों में श्रद्धालुओं को दूर से ही मां दुर्गा के दर्शन करने की अनुमति दी गई है। पूजा पंडालों में पहली बार सिर्फ परंपरागत पूजा की जा रही है। विशेष लाइटिंग, सजावट व साउंड सिस्टम नहीं होने के कारण पूजा में सादगी दिखाई दे रही है। पंडालों मेंं कोरोना से बचाव के गाइडलाइन का पालन भी सख्ती से किया जा रहा है। पूजा में भी पुजारी समेत निर्धारित लोग ही शामिल हो रहे है। इस बार पूजन के बाद मां दुर्गा का भोग खिचड़ी प्रसाद वितरण भी नहीं किया गया।

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