विधानसभा में हंगामे के बीच 2926 करोड़ का दूसरा अनुपूरक बजट पेश, कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित..

झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन हंगामे की भेट चढ़ गया । सदन शुर होते ही BJP विधायक हंगामा करने लगे। वे वेल में आकर JPSC हाय.. हाय… के नारे लगाने लगे। JPSC अध्यक्ष अमिताभ चौधरी को हटाने और JPSC की CBI सेजांच कराने की मांग की। जेपीएससी के मुद्दे पर लाये गए कार्यस्थगन पढ़ने की मांग को लेकर BJP और AJSU के विधायक वेल में पहुंचकर हंगामा करने लगे। माले विधायक विनोद सिंह भी वेल में खड़े होकर स्पीकर के समक्ष प्रदर्शन कर रहे थे। सभी विधायक स्पीकर पर इस बात का दवाब बना रहे थे कि JPSC विवाद का समाधान हो।

हंगामे के बीच 50 मिनट तक प्रश्नकाल चला इसके बाद 20 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया। इसके बाद 12.15 में विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो BJP विधायकों का कार्यस्थगन लाया गया। सभी ने अल-अलग मसलो पर JPSC का मुद्दा उठाया था लेकिन समय से सूचना नही देने पर उसे अमान्य कर दिया गया। इसके बाद हगामा बढ़ गया । इधर हंगामें के बीच विधानसभा में दूसरा अनुपूरक बजट पेश किया गया है। 2926 करोड़ का दूसरा अनुपूरक बजट पेश किया गया है। वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने यह अनुपूरक बजट पेश किया है। जिसके बाद स्पीकर ने विधानसभा की कार्यवाही सोमवार सुबह 11:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

‌BJP विधायक को किया गया मार्शल आउट..
हंगामा से नाराज स्पीकर रवींद्र महतो ने मांडू से भाजपा के विधायक जयप्रकाश भाई पटेल को मार्शल आउट करा दिया। इसके बाद हंगामा और तेज हो गया। विधायक अमर बाउरी ने सवाल उठाया कि ऐसा क्या हो गया था कि विधायक को मार्शल आउट कर दिया गया। यह विधायकों का अपमान है। वहीं गोड्डा के भाजपा विधायक अमित मंडल ने सदन के बाहर अपने शरीर पर खून चढ़ा कर हेमंत सरकार पर गरीबों और युवाओं के दोहन करने का आरोप लगाया। अमित मंडल ने कहा था कि हेमंत सरकार आज खून पर सरचार्ज लगाकर राजस्व वसूल रही है। शादी, गरीबों और झारखंड के युवाओं का दोहन कर रही है। उन्होंने जेपीएससी मुद्दे पर कहा कि जिस तरह वहां पर लाठी बरसायी गयी, उससे कई युवाओं को गंभीर चोटें लगी. हेमंत सरकार पर चुनावी घोषणा के अनुरूप अपने वादों को पूरा नहीं करने की बात करते हुए अमित मंडल ने कहा कि जेपीएससी पीटी परीक्षा का अविलंब रद्द करना चाहिए। साथ ही जेपीएससी अध्यक्ष अमिताभ चौधरी को बर्खास्त कर पूरे मामले की निष्पक्षता से जांच करनी चाहिए।

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