रांची जिले के तमाड़ में स्थित मां दिवड़ी के मंदिर के संचालन के लिए जिला प्रशासन ने नई कमेटी गठित कर दी है। सोलहभुजी मां दिवड़ी का ये मंदिर करीब 300 साल पुराना है| इस कमेटी में प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा सांसद व विधायक को शामिल किया गया है।शुक्रवार को नई कमेटी के गठन होने के साथ ही मंदिर की चार दान पेटियों पर नया ताला लगा दिया गया। हालांकि इस कार्रवाई के दौरान पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों को विरोध भी झेलना पड़ा| मंदिर प्रबंधन का कार्य देखती आ रही महिला समिति की सदस्यों और स्थानीय ग्रामीणों ने करीब साढ़े तीन घंटे तक जमकर विरोध किया।
अधिकारियों ने इस बारे में बात करते हुए कहा कि ये मंदिर सरकारी जमीन पर बना है, जिसकी देखरेख के लिए अब नई संचालन कमेटी बनाई गई है। अब ये कमेटी ही इसकी देखरेख करेगी। तमाड़ के पूर्व राजा महेंद्रनाथ शाहदेव के मुताबिक, दिवड़ी मंदिर करीब 300 साल पुराना है। स्थानीय लोगों की आस्था भी मां दिवड़ी से जुड़ी है। शुक्रवार की शाम चार बजे बुंडू डीएसपी अजय कुमार, तमाड़ के बीडीओ राहुल कुमार, सीओ कमल किशोर सिंह और थाना प्रभारी चंद्रशेखर आजाद पुलिस बल के साथ मंदिर पहुंचे। उन्हें देखते ही दर्जनों की संख्या में महिलाएं और ग्रामीण जमा हो गए तथा प्रशासन की कार्रवाई का विरोध करने लगे।
विरोध कर रही महिलाओं ने मंदिर को ग्रामीणों की संपत्ति बताते हुए प्रशासन को सौंपने से इनकार कर दिया। इसके बाद प्रशासन की देखरेख में सीओ ने ग्रामीणों के साथ मिलकर मंदिर के संचालन का हवाला देकर समझाने का प्रयास किया। लेकिन इसके बावजूद ग्रामीण मानने को तैयार नहीं थे। इस सब के बीच शाम 7.30 बजे अधिकारियों ने दानपेटी पर नई कमेटी का ताला लगा दिया। सीओ ने बताया कि12 अक्टूबर को बुंडू के एसडीओ उत्कर्ष गुप्ता की अध्यक्षता में मंदिर संचालन के लिए कमेटी बनी थी। एसडीओ उत्कर्ष गुप्ता ने कहा कि भक्तों कोकोटनवरात्रि के दौरान माता के दर्शन मिलेंगे। मंदिर में नई समिति का गठन किया गया है जिसमें सांसद, विधायक के साथ-साथ स्थानीय ग्रामीणों को भी शामिल किया गया है।