किसानों के खुले 99 प्रतिशत ‘सिंगल विंडो सेंटर पूरी तरह हो चुके है बंद..

Jharkhand: झारखंड के हर जिले में कृषि विभाग के अधीन वर्ष 2016 में तत्कालीन राज्य सरकार द्वारा ‘सिंगल विंडो सेंटर’ खोला गया था। ‘सिंगल विंडो सेंटर’ के संचालन का जिम्मा निजी संस्थाओं को सौंपा गया था, जिसके लिए उन्हें राशि भी दी गयी थी। किसानों के प्रगति के लिए इन सेंटरों के जरिये विभिन्न प्रकार के कार्य होने थे। लेकिन, आज इन सेक्टरो की स्थिति इतनी दाहिनिया हो गई है कि इनमें से 99 प्रतिशत सेंटर पूरी तरह बंद हो गए है। और जो सेक्टर अभी भी चालू है, वे भी किसान के हितों में ठीक ढंग से काम नहीं कर रहे। यह खुलासा खुद कृषि विभाग की जांच रिपोर्ट में हुआ है। साथ ही कृषि विभाग द्वारा जारी की गई रिपोर्ट मैं भी कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा सेक्टर की जांच कर रिपोर्ट तैयार करने में 3 साल की देरी की गई है। इसका सीधा मतलब यह निकलता है कि विभाग द्वारा सेंटरों की सही तरीके से निगरानी नहीं कर जांच रिपोर्ट बनाने में भी ढुलमुल रवैया अपनाया गया है।

किसानों के हित में होना था काम….
गौरतलब है कि हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री बनने के बाद 10 फरवरी 2020 को हुई समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ‘सिंगल विंडो सेंटर’ की जांच के आदेश दिये थे। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद कृषि विभाग ने फुर्ती दिखाते हुए पूरे राज्य में संचालित सभी सेंटरों की जांच करायी थी। कृषि विभाग द्वारा प्रकाशित जांच रिपोर्ट में पाया गया कि कई सेंटर खुलते ही नहीं है। और जो सेक्टर खुले है वह भी महीने में एक-दो बार खुलते है। 2016 के तत्कालीन सरकार द्वारा खोले गए सिंगल विंडो सेंटर में बड़े पैमानों पर किसानों के हित में काम होना था।

सेक्टरो में नहीं हो रहे हैं काम….
जो सेक्टर खुले हुए हैं इन में सुचालु रूप से कार्य नहीं हो रहे हैं कार्य पूर्ण ढंग से काम नहीं हो रहा है। जो सेंटर संचालित हैं, उसके कर्मी समय पर केंद्र में नहीं आते है। वहीं, सिंगल विंडो सेंटर पर मृदा स्वास्थ्य कार्ड से संबंधित कार्य भी नहीं किया जाता है। मिट्टी नमूना संग्रह का कार्य भी कुछ सेंटर पर नहीं किया जाता है, जबकि कुछ सेंटर पर आवश्यक पंजी का संधारण भी नहीं हो रहा है।

स्कीम में हुई गड़बड़ी की जांच…..
अब निदेशक स्तर से इस स्कीम में हुई गड़बड़ी का जांच करायी जायेगी। अलग-अलग जिलों के लिए कृषि निदेशक ने जांच टीम बनायी है। प्रतेक जांच टीम में तीन सदस्यों को रखा गया है। और जल्द से जल्द इन खामियों को ठीक कर सेक्टर द्वारा किसानों को लाभ पहुंचाने का कार्य शुरू किया जाएगा।

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