रांची: लोहरदगा-लातेहार सीमा पर स्थित बुलबुल जंगल में पिछले 12 दिनों से चल रहा झारखंड पुलिस व सीआरपीएफ का ऑपरेशन डबल बुल समाप्त हो गया है। इस अभियान में शामिल जवानों ने बुलबुल जंगल को नक्सलियों से मुक्त करा लिया है। नक्सली चित्त हो गए हैं। 12 दिनों तक चले इस अभियान के दौरान तीन जवान भले ही जख्मी हुए, लेकिन सुरक्षा बलों का हौसला कम नहीं हुआ। लगातार कांबिंग और जबरदस्त घेराबंदी और योजनाबद्ध तरीके से चले इस अभियान ने उक्त इलाके में नक्सलियों की कमर तोड़कर रख दी। ऐसी घेराबंदी की नक्सलियों का रसद-पानी तक रोक दिया, जंगल को सील कर 12 दिनों के भीतर अलग-अलग जगहों पर नक्सलियों से 10 बार आमने-सामने भिड़ंत हुई। ताबड़तोड़ गोलियां भी चलीं। नतीजा यह हुआ कि एक लाख का इनामी एक नक्सली मुठभेड़ में मारा गया, दस लाख के इनामी सहित नौ नक्सली गिरफ्तार किए गए। भारी मात्रा में कारतूस व हथियारों की भी बरामदगी हुई। बुलबुल जंगल पर अब सुरक्षा बलों का कब्जा हो गया है।
आइजी अभियान अमोल वी. होमकर ने मंगलवार को रांची स्थित जोनल आइजी रांची के कार्यालय परिसर में संवाददाता सम्मेलन में अपने अभियान के दौरान मिली उपलब्धियों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भले ही ऑपरेशन डबल बुल समाप्त हो गया है, लेकिन नक्सलियों के खिलाफ चलने वाला सामान्य अभियान चलता रहेगा। मौके पर सीआरपीएफ के आइजी राजीव सिंह, आइजी पंकज कंबोज, डीआइजी विशेष शाखा अनूप बिरथरे, एसपी लोहरदगा प्रियंका मीणा व एसपी लातेहार अंजनी अंजन मौजूद थे।
नहीं चलता अभियान तो नक्सली भारी उत्पात मचाने की कर चुके थे तैयारी..
आइजी अभियान अमोल वी. होमकर ने बताया कि बुलबुल जंगल के उस इलाके में 15 लाख के इनामी माओवादियों के रिजनल कमांडर रवींद्र गंझू का कब्जा था। पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र से कुख्यात नक्सली अमन गंझू, जोनल कमांडर छोटू खेरवार, लाजिम, मुनेश्वर व रवींद्र गंझू, जोनल कमांडर बलराम उरांव व सब जोनल कमांडर रंथू उरांव अपने 30-40 सशस्त्र दस्ता के साथ लातेहार-लोहरदगा जिला के सीमावर्ती ग्राम बुलबुल, सहेदा टोली, नारायणपुर व आसपास के जंगल में जुटा है और बाक्साइट माइंस में उत्पात के साथ-साथ सुरक्षा बलों को भी निशाना बनाने वाला है। इसी सूचना पर सीआरपीएफ के साथ मिलकर झारखंड पुलिस ने ऑपरेशन डबल बुल नाम से अभियान चलाया। अधिकारियों के अनुसार यह राज्य में अब तक का सबसे ज्यादा दिनों तक लगातार चलने वाला अभियान है, जिसमें 10 बार नक्सलियों से सुरक्षा बलों का आमना-सामना हुआ।
मारा गया नक्सली एक लाख का इनामी दिनेश नागेसिया, एक अन्य के मारे जाने की संभावना..
मुठभेड़ में मारे गए नक्सली की पहचान लोहरदगा के पेशरार थाना क्षेत्र के लावापानी निवासी दिनेश नागेसिया के रूप में की गई है। इसपर राज्य सरकार ने एक लाख रुपये का इनाम रखा था। एक अन्य नक्सली शीतल मोची के मारे जाने की संभावना है। वह आईईडी विशेषज्ञ है। गिरफ्तार नक्सलियों ने इसकी पुष्टि की है।
इन नक्सलियों की हुई है गिरफ्तारी..
- बलराम उरांव : जोनल कमांडर, दस लाख का इनामी। रेहलदाग, लातेहार। इसपर कुल 82 कांड दर्ज हैं।
- दशरथ सिंह खेरवार : सब जोनल कमांडर। डोरी, हेरहंज, लातेहार। इसपर कुल सात कांड दर्ज हैं।
- मारकुश नगेसिया : एरिया कमांडर। इचुवाटांड़, पेशरार, लोहरदगा। इसपर कुल 10 कांड दर्ज हैं।
- शैलेश्वर उरांव : सेल सदस्य। मुंगो, सेरेंगदाग, लोहरदगा। इसपर कुल दो कांड दर्ज हैं।
- मुकेश कोरवा : सेल दसस्य। भूताही, चांदो, बलरामपुर, छत्तीसगढ़। इसपर कुल दो कांड दर्ज हैं।
- विरेन कोरवा : सेल सदस्य। भूताही, चांदो, बलरामपुर, छत्तीसगढ़। इसपर कुल दो कांड दर्ज हैं।
- शैलेंद्र नगेसिया : सेल सदस्य। तिसिया, महुआडांड़, लातेहार। इसपर कुल दो कांड दर्ज हैं।
- संजय नगेसिया : सेल सदस्य। कोरगो, बगड़ू, लोहरदगा। इसपर कुल दो कांड दर्ज हैं।
- शीला खेरवार : सेल सदस्य। सनई, सेरेंगदाग, लोहरदगा। इसपर कुल दो कांड दर्ज हैं।
पुलिस को मिले बंकर, ऑटोमेटिक अमेरिकन राइफल भी..
12 दिनों के अभियान के दौरान पुलिस को एक बंकर मिले थे, जिसे पुलिस ने नष्ट किया। उस बंकर में नक्सली अपने खाने-पीने के सामान को सुरक्षित रखे हुए थे। वहां नक्सलियों के उपयोग के आइइडी, आइइडी बनाने के सामान व हथियार भी थे। पुलिस ने इस अभियान के दौरान तीन लाख 27 हजार 150 रुपये नकदी, नक्सली साहित्य, एक ऑटोमेटिक अमेरिकन राइफल, एक इंसास रेगुलर राइफल, एक 315 बोर की राइफल, एक मोडिफायड कारबाइन, एक पिस्टल, 1678 कारतूस, एसएलआर की 13 मैगजीन, इंसास राइफल का चार मैगजीन, इंसास एलएमजी के दो मैगजीन, दो मैगजीन, एक हैंड ग्रेनेड, चार वायरलेस सेट, आइइडी बनाने के सामान, दवाइयां, नक्सली वर्दी, इलेक्ट्रिक उपकरण, नक्सली साहित्य आदि बरामद किए गए हैं।
अभियान में ये रहे शामिल..
लोहरदगा व लातेहार जिला बल, कोबरा 203 व 209 बटालियन के जवान, झारखंड जगुआर का असाल्ट ग्रुप व बम निरोधक दस्ता, सीआरपीएफ की 158, 214, 218, 190 व 11 बटालियन के जवान तथा आइआरबी के जवान।