झारखंड हाईकोर्ट में छठी जेपीएससी परीक्षा के अंतिम परिणाम को चुनौती देने वाली याचिका पर जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में सुनवाई हुई। अदालत द्वारा अब प्रार्थी की ओर से उठाए गए बिंदुओं पर जेपीएससी से जवाब मांगा गया है। इस मामले में अगली सुनवाई 4 दिसंबर को निर्धारित की गई है। ज्ञात हो कि, कृष्णमुरारी चौबे व अन्य ने उक्त याचिका हाईकोर्ट में दाखिल की है।
सुनवाई के दौरान प्रार्थी ने अदालत को बताया गया कि छठी जेपीएससी परीक्षा में उनका चयन हो गया था, लेकिन आयोग ने उनकी नियुक्ति की अनुशंसा नहीं की। इस पर जेपीएससी के अधिवक्ता संजय पिपरवाल व प्रिंस कुमार सिंह ने अदालत को बताया कि मेरिट लिस्ट में इनका नाम है, लेकिन प्राप्तांक के आधार पर कैडर आवंटन करने के दौरान इनका नाम आते-आते सिर्फ योजना विभाग का ही पद रिक्त था।
इसके बाद योजना विभाग में इनकी नियुक्ति की अनुशंसा इसलिए नहीं कि गई क्योंकि इनके पास विज्ञापन के अनुसार योजना विभाग के लिए शैक्षणिक योग्यता नहीं थी। जिसकी वजह से जेपीएससी ने इनकी नियुक्ति की अनुशंसा सरकार से नहीं की है। इसके अलावा इस याचिका में कई ऐसे भी अभ्यर्थियों के नाम शामिल हैं जिनका परीक्षा में चयन नहीं हुआ है।
सुनवाई में आगे प्रार्थी की ओर से क्वालिफाइड पेपर के अंक को कुल प्राप्तांक में जोड़ने और अंतिम परिणाम जारी करने में गड़बड़ी करने का मुद्दा उठाया। इसको देखते हुए अदालत ने प्रार्थी की ओर से उठाए गए सभी बिंदु पर जेपीएससी को 4 दिसंबर तक जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।