झारखंड में 6850 आंगनबाड़ी केंद्र बनेंगे मॉडल, बच्चों को मिलेंगी आधुनिक सुविधाएं….

झारखंड सरकार ने राज्य के आंगनबाड़ी केंद्रों के सुदृढ़ीकरण के तहत 6850 आंगनबाड़ी केंद्रों को मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना बनाई है. वर्तमान में राज्य में कुल 38,432 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं, जिनमें से सभी 24 जिलों के 6850 केंद्रों को मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र के रूप में उन्नत किया जाएगा. महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग द्वारा इसकी तैयारी जोरों पर है. इन मॉडल आंगनबाड़ी केंद्रों को विकसित करने का उद्देश्य बच्चों को बेहतर माहौल प्रदान करना, उनकी स्कूली शिक्षा के प्रति रुचि बढ़ाना, और प्रारंभिक शिक्षा के माध्यम से उनके समग्र विकास को सुनिश्चित करना है.

मॉडल आंगनबाड़ी केंद्रों की विशेषताएं:

मॉडल आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों की सुविधा और विकास के लिए विशेष सुविधाएं प्रदान की जाएंगी. इनमें स्मार्ट टीवी, एलपीजी सिलेंडर, वाटर प्यूरीफायर, केंद्र के कमरे का विद्युतीकरण, शौचालय, और बच्चों के खेलने के लिए प्ले स्कूल जैसी सुविधाएं शामिल होंगी. साथ ही, केंद्र में टेबल, कुर्सी, और किताबों की भी व्यवस्था की जाएगी. यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बच्चों को खेल-खेल में शिक्षा मिले और वे अपने प्रारंभिक वर्षों में बेहतर तरीके से विकास कर सकें. इस परियोजना का उद्देश्य केवल शहरी क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह योजना राज्य के अतिसुदूर क्षेत्रों तक भी लागू की जाएगी ताकि दूरस्थ स्थानों के बच्चों को भी समान सुविधाएं मिल सकें. यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इन मॉडल आंगनबाड़ी केंद्रों से ग्रामीण और सुदूर क्षेत्रों के बच्चों को भी प्रारंभिक शिक्षा का लाभ मिल सके.

भवनहीन आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए भवन निर्माण:

इसके अलावा, सरकार ने भवनहीन आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए भी विशेष योजनाएं बनाई हैं. 2025 तक राज्य में 2500 भवनहीन आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए भवनों का निर्माण किया जाएगा. इसके तहत, महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग द्वारा 10,000 से अधिक आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन निर्माण की योजना बनाई गई है, जिसे डीएमएफटी (जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट) और सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) फंड के तहत पूरा किया जाएगा. इसके अलावा, 7687 आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों के लिए टेबल और कुर्सी की खरीद की जाएगी. इस पूरी परियोजना के लिए विभाग ने 280 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया है.

पालना योजना के तहत डे-केयर क्रेच की तैयारी:

महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों के अलावा कामकाजी महिलाओं के बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण देखभाल और सुरक्षा प्रदान करने के लिए ‘पालना योजना’ (डे-केयर क्रेच) का भी प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. यह प्रस्ताव केंद्र सरकार की योजना के तहत है, जिसे राज्य में लागू किया जाना है. पालना योजना के तहत, कामकाजी महिलाओं के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों और अन्य प्रतिष्ठानों में डे-केयर क्रेच की सुविधाएं प्रदान की जाएंगी. यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कामकाजी महिलाओं के बच्चे सुरक्षित और सुविधाजनक माहौल में रहें और उन्हें आवश्यक देखभाल मिले। इस प्रस्ताव को कैबिनेट की स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा.

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