झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को प्रोजेक्ट भवन में छह महत्वपूर्ण सरकारी पोर्टल का शुभारंभ किया. ये पोर्टल शिक्षा व्यवस्था को डिजिटल बनाने और छात्रों, शिक्षकों व कर्मचारियों को सुगमता से सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से विकसित किए गए हैं. इन पोर्टल्स में शिक्षकों के वेतन निर्धारण, लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम, मानकी मुंडा छात्रवृत्ति योजना, अप्रेंटिसशिप, निजी विश्वविद्यालय, और वित्त रहित अनुदान पोर्टल शामिल हैं. इन पोर्टल्स के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन और स्वीकृति की प्रक्रिया भी सरल हो जाएगी. इसके साथ ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची साइंस सेंटर में इनोवेशन हब का भी ऑनलाइन शुभारंभ किया. उन्होंने कहा कि यह डिजिटल पहल झारखंड के शिक्षा क्षेत्र में एक नया अध्याय जोड़ेगी और पारदर्शिता को बढ़ावा देगी.
छात्रों और शिक्षकों के लिए सुविधाजनक होंगे नए पोर्टल
उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा विकसित इन पोर्टल्स का उद्देश्य छात्रों, शिक्षकों और शिक्षण संस्थानों को डिजिटल रूप से सक्षम बनाना है. इन पोर्टल्स के जरिए अब विभिन्न प्रक्रियाएं ऑनलाइन होंगी, जिससे आवेदन और स्वीकृति की प्रक्रिया में तेजी आएगी.
- शिक्षकों और कर्मियों के वेतन निर्धारण पोर्टल – इस पोर्टल के माध्यम से वेतन निर्धारण प्रक्रिया को ऑनलाइन किया गया है, जिससे इसमें पारदर्शिता आएगी और वेतन समय पर मिल सकेगा.
- लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम पोर्टल – इस पोर्टल से विद्यार्थी विभिन्न संस्थानों में संचालित कक्षाओं का लाभ ऑनलाइन ले सकेंगे. इससे उन्हें अनुभवी शिक्षकों की कक्षाओं का लाभ मिलेगा और उनकी पढ़ाई में सुधार होगा.
- मानकी मुंडा छात्रवृत्ति योजना पोर्टल – इस पोर्टल के जरिए छात्रवृत्ति आवेदन की प्रक्रिया को ऑनलाइन किया गया है, जिससे विद्यार्थियों को योजनाओं का लाभ सुगमता से मिलेगा.
- अप्रेंटिसशिप पोर्टल – इससे अप्रेंटिसशिप करने वाले विद्यार्थियों को सीधे आवेदन करने और प्रशिक्षकों से जुड़ने की सुविधा मिलेगी.
- निजी विश्वविद्यालय पोर्टल – निजी विश्वविद्यालयों की प्रक्रियाओं को ऑनलाइन मॉनिटर करने और सुचारु रूप से संचालन सुनिश्चित करने के लिए यह पोर्टल शुरू किया गया है.
- वित्त रहित अनुदान पोर्टल – इस पोर्टल के माध्यम से वित्त रहित शिक्षण संस्थानों को अनुदान से जुड़ी सेवाएं डिजिटल रूप से उपलब्ध होंगी.
आवेदन की प्रक्रिया होगी ऑनलाइन, पारदर्शिता को मिलेगा बढ़ावा
इन सभी पोर्टल्स के माध्यम से अब आवेदन करने और स्वीकृति की प्रक्रिया ऑनलाइन हो गई है. इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि प्रक्रियाओं में भी तेजी आएगी. छात्रों और शिक्षकों को अब अनावश्यक कागजी कार्रवाई से मुक्ति मिलेगी और वे डिजिटल रूप से सभी सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे. शिक्षा मंत्री सुदिव्य कुमार ने इस अवसर पर कहा कि यह एक महत्वपूर्ण पहल है, जिससे आवेदन की प्रक्रिया में लगने वाला समय कम होगा और पारदर्शिता बनी रहेगी. उन्होंने कहा कि यह पहल झारखंड को पेपरलेस शिक्षा प्रणाली की ओर ले जाने का प्रयास है, जिससे छात्रों और शिक्षकों को अधिक सुविधाएं मिल सकेंगी.
रांची साइंस सेंटर में इनोवेशन हब का शुभारंभ
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची साइंस सेंटर में इनोवेशन हब का भी ऑनलाइन उद्घाटन किया. यह हब छात्रों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवाचार के लिए प्रेरित करेगा. इससे विद्यार्थियों को विज्ञान की नई अवधारणाओं को समझने और उनके प्रयोगात्मक विकास में सहायता मिलेगी.
डिजिटल झारखंड की दिशा में बड़ा कदम
झारखंड सरकार की यह पहल राज्य को डिजिटल युग में आगे बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है. शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों को डिजिटल सेवाएं उपलब्ध कराने से शिक्षा प्रणाली में सुधार आएगा और इससे राज्य में उच्च शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा. अब झारखंड के विद्यार्थी भी डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे.