पलामू में 584 फर्जी लाभुकों की पहचान, होगी सूद समेत वसूली

पलामू जिले में ‘मंईयां सम्मान योजना’ के लाभुकों की जांच के दौरान बड़े पैमाने पर गड़बड़ी सामने आई है। जिला प्रशासन के आदेश पर चल रही जांच में अब तक चार प्रखंडों में 584 अयोग्य लाभुक पाए गए हैं। इनमें सरकारी नौकरीशुदा कर्मचारी, पारा टीचर और स्वास्थ्य सहिया भी शामिल हैं। जिला प्रशासन ने सभी प्रखंडों के बीडीओ को निर्देश दिया है कि फर्जी तरीके से लाभ लेने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई करें। साथ ही, उनसे सूद समेत राशि की वसूली की जाएगी।

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सरकारी कर्मचारियों के परिवार भी ले रहे थे लाभ

जांच में यह खुलासा हुआ है कि जिन परिवारों में सदस्य सरकारी नौकरी में हैं, वहां के कुछ लोग भी इस योजना का लाभ उठा रहे थे। इसके अलावा, पारा टीचर और उनके परिवार के सदस्य भी योजना के तहत पैसे प्राप्त कर रहे थे। यहां तक कि स्वास्थ्य सहिया भी इस योजना का लाभ लेती पाई गई हैं। जांच के दौरान दो मृत व्यक्तियों के खातों में भी राशि भेजी जाने की जानकारी मिली है।

चार प्रखंडों में पाए गए अयोग्य लाभुकों की संख्या इस प्रकार है:

  • सदर प्रखंड: 189 लाभुक
  • सतबरवा: 170 लाभुक
  • लेस्लीगंज: 82 लाभुक
  • रामगढ़: 143 लाभुक

मृत व्यक्तियों के खातों में भेजी गई राशि

रामगढ़ प्रखंड के नावाडीह पंचायत में मृत महिला उर्मिला देवी और एक अन्य महिला के खातों में भी योजना की राशि भेजी गई है। पंचायत सेवक मनीष सिंह ने पुष्टि की कि उर्मिला देवी की मृत्यु तीन महीने पहले हो चुकी थी, बावजूद इसके उनके खाते में राशि हस्तांतरित की गई। प्रशासन इस मामले की जांच कर रहा है कि कुल कितनी राशि मृत लाभुकों के खातों में गई।

दूसरी पेंशन लेने वाले 1050 लोग भी शामिल

जांच में यह भी पाया गया है कि 1050 ऐसे अयोग्य लाभुक हैं, जो पहले से किसी अन्य पेंशन योजना से पैसा ले रहे हैं। इन लोगों के खातों में मंईयां योजना की राशि अब तक नहीं भेजी गई है।

2750 लोगों ने दो खातों से किया आवेदन

इसके अलावा, 2750 ऐसे लोग भी सामने आए हैं जिन्होंने दो अलग-अलग बैंक खातों के माध्यम से योजना का लाभ लेने का प्रयास किया। ऐसे लाभुकों को भी अब तक कोई राशि नहीं भेजी गई है।

प्रशासन की सख्त कार्रवाई

पलामू के डीसी शशिरंजन ने साफ किया है कि जो भी व्यक्ति फर्जी तरीके से इस योजना का लाभ ले रहे थे, उनसे पूरी राशि ब्याज समेत वसूल की जाएगी। साथ ही, संबंधित अधिकारियों को  निर्देश दिया गया है कि वे लाभुकों की सूची का पुनः सत्यापन करें ताकि भविष्य में इस तरह की गड़बड़ी को रोका जा सके।

जिला प्रशासन इस मामले में पूरी सख्ती बरतते हुए दोषियों पर कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है। इस तरह की अनियमितताओं पर लगाम लगाने के लिए आने वाले दिनों में और कड़ी जांच की जाएगी।

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