झारखंड सरकार ने राज्य के पर्यटन स्थलों को जोड़ने और आवागमन को सुगम बनाने के लिए 506 किलोमीटर लंबे फोर लेन टूरिस्ट और हॉली टूरिस्ट कॉरिडोर की योजना बनाई है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर पथ निर्माण विभाग ने इस परियोजना का खाका तैयार किया है. टूरिस्ट कॉरिडोर को आठ हिस्सों में और हॉली टूरिस्ट कॉरिडोर को चार हिस्सों में चरणबद्ध तरीके से विकसित किया जाएगा. इस परियोजना की कुल अनुमानित लागत 4647 करोड़ रुपये है, जिसमें टूरिस्ट कॉरिडोर पर 3370 करोड़ और हॉली टूरिस्ट कॉरिडोर पर 1277 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
टूरिस्ट कॉरिडोर का स्वरूप और प्रगति
342 किलोमीटर लंबे टूरिस्ट कॉरिडोर के आठ हिस्सों में से दो का अलाइनमेंट तय कर दिया गया है. इसका निर्माण सिल्ली-तमाड़, सिसई-घाघरा, नेतरहाट-गारू, लातेहार-हेरहंज, बालूमाथ-चामा मोड़ तक किया जाएगा.
• सिल्ली-तमाड़: इस हिस्से की लंबाई 24 किमी है और अनुमानित लागत 250 करोड़ रुपये है.
• सिसई-घाघरा-नेतरहाट-गारू: इस हिस्से की लंबाई 93 किमी है और लागत 600 करोड़ रुपये है.
• बालूमाथ-चामा मोड़ वाया मैकलुस्कीगंज: 42 किमी लंबे इस हिस्से पर 420 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
• अन्य हिस्सों का निरीक्षण जारी: शेष हिस्सों में स्थलीय निरीक्षण लगभग पूरा कर लिया गया है.
हॉली टूरिस्ट कॉरिडोर का विवरण
164 किलोमीटर लंबे हॉली टूरिस्ट कॉरिडोर को चार हिस्सों में बनाया जाएगा. इसका उद्देश्य धार्मिक स्थलों तक श्रद्धालुओं की पहुंच को सुगम बनाना है.
• रजरप्पा-गोमिया (30 किमी): 545 करोड़ रुपये की लागत.
• गोमिया-डुमरी (29 किमी): 379 करोड़ रुपये की लागत.
• डुमरी-भीरकीडीह (73 किमी): 353 करोड़ रुपये की लागत.
• भीरकीडीह-देवघर (32 किमी): यह हिस्सा धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है.
परियोजना का महत्व
• पर्यटन स्थलों का बेहतर कनेक्टिविटी: राज्य के सभी प्रमुख पर्यटन स्थल, जैसे नेतरहाट, रजरप्पा, देवघर और मैकलुस्कीगंज को इस परियोजना से जोड़ा जाएगा.
• धार्मिक स्थलों तक आसान पहुंच: रजरप्पा, गोमिया और देवघर जैसे धार्मिक स्थलों तक जाने के लिए श्रद्धालुओं को सुगम मार्ग मिलेगा.
• आर्थिक विकास में योगदान: पर्यटन और धार्मिक स्थलों तक आसान पहुंच से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा.
• ग्रीन फील्ड सेक्शन का निर्माण: गोमिया से डुमरी तक के मार्ग का 17 किमी हिस्सा ग्रीन फील्ड होगा, जिससे पर्यावरण संरक्षण पर भी ध्यान दिया जाएगा.