Jharkhand: विद्यार्थियों को सरकारी योजनाओं के तहत मिलने वाली राशि के लिए झारखंड की राजधानी रांची के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 50 हजार विद्यार्थियों का खाता डाक घर में खोला जाना है, लेकिन बीते पांच माह में मात्र 2100 विद्यार्थियों का ही खाता खुल सका है। शिक्षा विभाग ने इस बात पर अपनी नाराजगी दिखाते हुए। जल्द से जल्द विद्यार्थियों का खाता खुलवाने का निर्देश दिया है।
खाते के कारण रुका है योजना राशि….
हाल ही में विभाग की ओर से समीक्षा बैठक की गई थी, जिसमें कार्य की संतोषजनक प्रगति नहीं होने पर अधिकारियों ने चिंता जताई थी। इसके बाद सभी प्राचार्यों, प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारियों, संकुल साधन सेवियों और पोस्टल विभाग के अधिकारियों को पत्र लिख कर छात्रों का खाता खुलवाने में सहयोग करने के लिए कहा गया है। विभाग ने सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ देने के लिए वैसे बच्चों का खाता डाक घर में खोलने के लिए स्कूलों को जिम्मेदारी दी है, जिनका खाता किसी बैंक में नहीं है। खाता खुलने पर पोशाक, स्कूल किट, छात्रवृत्ति सहित अन्य योजनाओं की राशि सीधे विद्यार्थियों के खाते में भेजी जाएगी।
योजनाओं का मिलेगा लाभ….
हाल ही में विभाग की ओर से की गई बैठक मे कार्य की संतोषजनक प्रगति नहीं होने पर अधिकारियों ने चिंता जताई थी। इसके बाद सभी प्राचार्यों, प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारियों, संकुल साधन सेवियों और पोस्टल विभाग के अधिकारियों को पत्र लिख कर छात्रों का जल्द से जल्द खाता खुलवाने में सहयोग करने के लिए निर्देश दिए गए है। जिन बच्चों का खाता किसी बैंक में नहीं है उनके लिए विभाग ने सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ प्रदान करने के लिए वैसे बच्चों का खाता डाक घर में खोलने के लिए स्कूलों को जिम्मेदारी दी है। खाता खुलने पर पोशाक, स्कूल किट, छात्रवृत्ति सहित अन्य योजनाओं की राशि सीधे विद्यार्थियों के खाते में भेजी जाएगी।
जल्द से जल्द खुला खाता….
निर्देशक द्वारा स्कूलों को दिए गए निर्देश में कहां गया है कि जिन बच्चों का खाता बैंक में नहीं खुला है, उनका खाता जल्द खुलवाएं। अगर बैंक में किसी भी प्रकार की परेशानी हो तो डाकघर में भी खाता खुलवाया जा सकता है।
स्कूल नहीं मिल रहे आंकड़े….
रांची जिला शिक्षा पदाधिकारी मिथिलेश केरकेट्टा ने अपने पत्र में कहा स्कूलों के द्वारा बच्चों का जो खाता खुला या जा रहा है गति काफी धीमी है। स्कूलों से खाता खुलने की जानकारी मांगने पर स्कूलों की ओर से नियमित रूप से आंकड़े उपल्बध नहीं कराए जाते। ऐसे में 50 हजार छात्रों के खाला खोलने के लक्ष्य को पूरा करना चुनौती होगी।
स्कूलों को दिए गए है निर्देश….
प्रत्येक विद्यालय को नजदीकी डाकघर के साथ जोड़ा जाएगा। जिसकी जिम्मेदारी लाइजिनिंग व्यक्ति को दी गई है। लाइजिनिंग व्यक्ति डाक विभाग के अधिकारी से समन्वय करेंगे प्रतिदिन कितने आवेदन भरे गए, इसकी जानकारी विभाग को देंगे। स्कूलों से फॉर्म नहीं दिए जा रहे तो सीआरपी को सूचना देंगे प्रत्येक विद्यालय को नजदीकी डाकघर के साथ जोड़ा जाए। हर स्कूल से एक लाइजिनिंग व्यक्ति को जिम्मेदारी दी जाए लाइजिनिंग व्यक्ति डाक विभाग के अधिकारी से समन्वय कर प्रतिदिन कितने आवेदन भरे गए, इसकी जानकारी विभाग को देंगे। अगर स्कूलों द्वारा फॉर्म नहीं दिए जा रहे तो सीआरपी को सूचना दी जाएगी।
खाता खुलने के बाद विवरणी स्कूल और प्रखंड कार्यालय को देंगे।