झारखंड में पहली बार एक साथ 44 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों की शुरुआत

रांची: झारखंड में शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक पहल की जा रही है। पहली बार राज्य में एक साथ 44 नए एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) शुरू किए जा रहे हैं। नए शैक्षणिक सत्र 2025-26 से इन विद्यालयों में पढ़ाई शुरू हो जाएगी। वर्तमान में राज्य में 7 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय संचालित हैं, जिनकी संख्या अब 51 हो जाएगी।

‎Follow the Jharkhand Updates channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VafHItD1SWsuSX7xQA3P

इन जिलों में खुलेंगे नए स्कूल

ये नए विद्यालय गिरिडीह, चतरा, धनबाद, खूंटी, सिमडेगा, लोहरदगा, रांची, पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां, पश्चिमी सिंहभूम, गढ़वा, पलामू, लातेहार, दुमका, जामताड़ा और पाकुड़ जिले में स्थापित किए जा रहे हैं। प्रत्येक स्कूल में कक्षा 6वीं, 7वीं और 8वीं में 60-60 छात्रों का नामांकन होगा। इस प्रकार, कुल 7920 अनुसूचित जनजाति के छात्रों को नामांकन का अवसर मिलेगा।

निःशुल्क शिक्षा और सुविधाएं

एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय पूरी तरह से आवासीय होंगे और छात्रों को शिक्षा, आवास, भोजन, किताब-कॉपी, चिकित्सा आदि सुविधाएं निःशुल्क प्रदान की जाएंगी। इन विद्यालयों का पूरा खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी।

नामांकन प्रक्रिया और परीक्षा तिथियां

कल्याण विभाग के तहत संचालित इन विद्यालयों में प्रवेश के लिए 28 फरवरी तक आवेदन स्वीकार किए जाएंगे। 9 मार्च को संबंधित जिलों में प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया जाएगा और 20 अप्रैल तक नामांकन की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।

17 विद्यालय एक भवन में संचालित होंगे

राज्य में 17 ऐसे एकलव्य मॉडल विद्यालय हैं जिनका भवन अब भी निर्माणाधीन है। ऐसे में इन विद्यालयों को बगल के ईएमआरएस स्कूलों में संचालित किया जाएगा। वहीं, 27 स्कूलों के भवन पूरी तरह से तैयार हैं, जिनमें से 10 विद्यालयों में केवल उन्हीं स्कूलों के छात्र पढ़ेंगे, जबकि 17 विद्यालयों में दो-दो स्कूलों के छात्रों की संयुक्त कक्षाएं होंगी।

राज्यभर में खुलने वाले इन 44 विद्यालयों में कुछ प्रमुख विद्यालय इस प्रकार हैं:

  • गिरिडीह: ईएमआरएस कुमारटुंगी, पीरटांड़
  • खूंटी: ईएमआरएस कर्रा, मुरहू, तोरपा
  • पश्चिम सिंहभूम: ईएमआरएस मंझारी, मनोहरपुर, नोवामुंडी, सोनुआ
  • धनबाद: ईएमआरएस दुण्डी, डुमरिया
  • सिमडेगा: ईएमआरएस बांसजोर, कांदर
  • रांची: ईएमआरएस लापुंग, बेड़ो
  • जामताड़ा: ईएमआरएस फतेहपुर
  • पूर्वी सिंहभूम: ईएमआरएस बहरागोड़ा, धालभूमगढ़
  • पाकुड़: ईएमआरएस लिट्टीपाड़ा, पाकुड़िया

यह पहल झारखंड में अनुसूचित जनजाति के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने और उनके सर्वांगीण विकास में सहायक साबित होगी। राज्य सरकार और केंद्र सरकार के संयुक्त प्रयासों से यह महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है, जिससे हजारों छात्रों को शिक्षा के नए अवसर मिलेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

×