मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पहल पर तमिलनाडु के त्रिपुर स्थित कॉटन मिल में फंसी 38 महिलाएं संक्रमण काल में सकुशल अपने घर पहुंच गईं। वापस आयी महिलाएं रानेश्वर, शिकारीपाड़ा, दुमका तथा मसलिया प्रखंड की रहने वाली हैं। सभी फरवरी माह में तमिलनाडु काम करने गईं थीं। वापस लौटीं महिलाओं का इंडोर स्टेडियम दुमका में स्वास्थ्य विभाग की टीम के द्वारा डाटा बेस तैयार किया गया। इसके उपरांत सभी का रैपिड एंटीजन टेस्ट (रैट) के माध्यम से कोरोना की जांच की गयी। सभी को सात दिनों तक हिजला स्थित क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा जाएगा। सात दिन के बाद दोबारा कोविड जांच की जाएगी। रिपोर्ट नेगेटिव आने पर इन्हें इनके घर भेजा जाएगा।
तमिलनाडु से लौटी सावित्री तुरी कहती हैं कि हमें यकीन ही नहीं हो रहा है कि हम अपने घर पहुंच गए हैं। मुख्यमंत्री को हमारी चिंता है। आज यह यकीन के साथ कहती हूं। मुख्यमंत्री से संपर्क होने पर हमें कहा गया बहुत जल्द आप सभी अपने घर में होंगी। आज हम सभी सकुशल बिना किसी कठिनाई के अपने घरों तक पहुंच गए हैं। धन्यवाद मुख्यमंत्री जी।
इधर मुख्यमंत्री ने वापस लौटीं महिलाओं को काम उपलब्ध कराने का निदेश उपायुक्त दुमका को दिया है। इस बाबत उपायुक्त ने महिलाओं से उनके कार्य के बारे में जाना है। स्थिति सामान्य होने पर इन्हें इनके कौशल के आधार पर रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। बता दें कि फिलहाल झारखंड में लॉकडाउन है। झारखंड में बाहर से आने वालों के लिए सात दिनों तक क्वारेंटिन में रहना बाध्यतामूलक है।