रिम्स में 370 नए नर्सों की नियुक्ति का रास्ता अब साफ हो गया है। गुरुवार को आयोजित रिम्स गवर्निंग बॉडी (GB) की बैठक में इसमें सहमति दे दी गई। इसके तहत 80 फीसदी महिला और 20 फीसदी पुरुष नर्स की नियुक्ति की जाएगी। रिम्स गवर्निंग बॉडी की बैठक में हेल्थ मिनिस्टर बन्ना गुप्ता, हेल्थ सेक्रेट्री केके सोन और रिम्स डायरेक्टर कामेश्वर प्रसाद सिंह शामिल हुए।
गौरतलब है कि पहले भी 362 स्टाफ नर्स की बहाली को लेकर विज्ञापन जारी की गई थी, जिसपर अनियमितता के आरोप लगे थे। इसके बाद इस विज्ञापन को पूरी तरह रद्द कर दिया गया था। गुरुवार को बोर्ड द्वारा लिए गए फैसले के बाद नए सिरे विज्ञापन निकाला जाएगा। रिम्स डायरेक्टर ने कहा कि बोर्ड की डेंटल और मेडिकल सेक्शन की कमियों को भी समय से दूर कर लिया जाएगा। बैठक में इस पर भी सहमति बन गई है।
न जरूरी किताबें हैं, न कोई प्रिंसिपल
रिम्स के डेंटल कॉलेज में विद्यार्थियों के लिए जरूरी सुविधाओं का भी अभाव तक है। यहां जरूरी किताबें भी नहीं हैं, अभी इनकी खरीदारी भी होनी है। और तो और पिछले एक साल से प्रिंसिपल का पद भी प्रभार में चल रहा है।
बैठक के बाद मिनिस्टर बन्ना गुप्ता ने बताया कि बैठक में सभी जरूरी चीजों को सही करने की अनुमति दे दी गई है। दरअसल, प्राचार्य डॉ. पंकज गोयल पिछले साल जनवरी में एम्स चले गए थे। इसके बाद से अब तक यहां प्रिंसिपल की नियुक्ति नहीं हो पाई है। प्रिंसिपल नियुक्ति का मामला हाईकोर्ट में भी पहुंच गया है तथा इसे लेकर भी विवाद चल रहा है। इसके अलावा कई अन्य जरूरी अहर्ताएं हैं, जिसमें रिम्स का डेंटल कॉलेज पिछड़ रहा है।
31 जनवरी है अल्टीमेटम
डेंटल कॉलेज की मान्यता बचाने के लिए रिम्स को 31 जनवरी से पहले सारी कमियों को दूर कर लेना होगा।अपने पिछले विजिट में डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया ने रिम्स प्रबंधन को अल्टीमेटम दिया था कि अगर समय रहते इसे सही नहीं किया गया तो इसकी मान्यता समाप्त कर दी जाएगी। बैठक के बाद कामेश्वर प्रसाद ने बताया कि डेंटल के लिए डीसीआई की टीम दोबारा से विजिट करने वाली है। उससे पहले सारी कमियों को दूर कर लिया जाएगा जिससे की विद्यार्थियों को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो। उन्होंने बताया कि अप्रैल- मई में मेडिकल डिपार्टमेंट के लिए टीम विजिट करेगी उससे पहले इस विभाग की कमियों को भी दूर कर लिया जाएगा।