रांची में घरेलू हिंसा और अन्य अत्याचारों की शिकार महिलाओं को तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए वन स्टॉप सेंटर (सखी-आश्रय) संचालित किया जा रहा है. इस केंद्र का संचालन जिला समाज कल्याण विभाग द्वारा किया जा रहा है और यहां 24 घंटे पीड़िताओं को कानूनी, चिकित्सा और मानसिक परामर्श की सुविधा दी जाती है. केंद्र का मुख्य उद्देश्य उन महिलाओं को सुरक्षित आश्रय देना है, जिन्हें उनके परिवार ने घर से निकाल दिया है, जो घरेलू हिंसा का शिकार हुई हैं, या जिनके साथ किसी भी प्रकार की ज्यादती हुई है. कांके रोड स्थित रिनपास परिसर में संचालित यह सेंटर महिलाओं को रहने, खाने, चिकित्सा सहायता और कानूनी परामर्श की सुविधा 24/7 प्रदान कर रहा है. पीड़िताएं मदद के लिए टोल फ्री नंबर 181 पर कॉल कर सकती हैं.
वन स्टॉप सेंटर की सुविधाएं:
वन स्टॉप सेंटर में महिलाओं को निम्नलिखित सहायता दी जा रही है:
• आपातकालीन सहायता और बचाव
• पुलिस सहायता और संरक्षण
• विधिक परामर्श (लीगल काउंसलिंग)
• मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग और मानसिक स्वास्थ्य सहायता
• चिकित्सकीय सहायता और दवा सुविधा
• अल्पकालीन आश्रय और पुनर्वास में सहयोग
• परिवार में पुनर्स्थापना के लिए मार्गदर्शन
कैसे मिल रही पीड़िताओं को मदद?
हर महीने करीब 25 से 30 महिलाएं काउंसलिंग के लिए सेंटर पहुंच रही हैं, जिनमें से अधिकांश घरेलू हिंसा की पीड़ित होती हैं. इसके अलावा, साइबर क्राइम, दहेज उत्पीड़न, यौन शोषण और शारीरिक हिंसा के मामले भी यहां रिपोर्ट किए जाते हैं.
दो वास्तविक घटनाओं से समझें कैसे हो रही मदद:
• केस 1 – नवजात के साथ मां को ससुराल से निकाला
कमला (बदला हुआ नाम) हाल ही में मां बनी, लेकिन ससुरालवालों ने उसे और उसके नवजात को घर से बाहर निकाल दिया. निराश और असहाय कमला को वन स्टॉप सेंटर में शरण मिली, जहां उसे रहने की सुविधा के साथ-साथ बच्चे की देखभाल, भोजन और कानूनी सहायता भी दी जा रही है ताकि वह अपने अधिकारों की रक्षा कर सके.
• केस 2 – बालिका गृह की दो पीड़िताएं पहुंचीं सेंटर
पलामू के एक बालिका गृह में यौन शोषण का मामला सामने आया था, जिसमें दो बच्चियां भी पीड़िता थीं. उन्हें भी वन स्टॉप सेंटर लाया गया, जहां उन्हें हर प्रकार की सुरक्षा और मानसिक परामर्श दिया जा रहा है, ताकि वे अपने जीवन को नए सिरे से शुरू कर सकें.
तीन शिफ्ट में चल रहा है सेंटर, हर समय मौजूद रहती हैं महिला कर्मचारी
वन स्टॉप सेंटर को तीन शिफ्ट में संचालित किया जा रहा है, ताकि हर समय पीड़िताओं की सहायता उपलब्ध रहे.
• सुबह 6:00 AM – दोपहर 2:00 PM
• दोपहर 2:00 PM – रात 10:00 PM
• रात 10:00 PM – सुबह 6:00 AM
प्रत्येक शिफ्ट में महिला कर्मचारी मौजूद रहती हैं, ताकि पीड़िताओं को किसी भी तरह की असहजता या डर का सामना न करना पड़े.
साइबर क्राइम की पीड़ित महिलाएं भी ले रही सहायता
सेंटर में साइबर क्राइम से पीड़ित महिलाएं भी काउंसलिंग ले रही हैं. इनमें फेसबुक, व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ब्लैकमेलिंग, फोटो/वीडियो वायरल करने की धमकी और ऑनलाइन उत्पीड़न के मामले शामिल हैं. ऐसे मामलों में कानूनी सहायता प्रदान की जा रही है और पुलिस की मदद से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई भी करवाई जा रही है.
वन स्टॉप सेंटर के बढ़ते प्रभाव और जागरूकता की जरूरत
इस सेंटर की मदद से कई महिलाओं को नया जीवन मिल रहा है, लेकिन अभी भी कई महिलाएं ऐसी हैं, जिन्हें इस तरह की सुविधाओं की जानकारी नहीं है. इसलिए, सरकार और समाज दोनों को इस पहल के बारे में जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है, ताकि अधिक से अधिक पीड़ित महिलाएं आगे आकर अपनी समस्याओं का समाधान पा सकें.