तमिलनाडु के कोयंबटूर में दलालों के चंगुल में फंसी झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला खरसावां की 24 लड़कियों को बुधवार को मुक्त कराकर रांची लाया गया। इन सभी को चेन्नई से एयर लिफ्ट कर मंगलवार को देर रात नई दिल्ली लाया गया था। यहां से इन्हें बुधवार को रांची लाया गया। जिला प्रशासन ने इन सभी को चाईबासा भेज दिया है। यहां से प्रशासन उन्हें उनके घरों तक पहुंचाएगा। बताया गया कि करीब तीन लाख रुपये फंड इकट्ठा कर लड़कियों को लाने की व्यवस्था की गई।
लड़कियों के अनुसार, ओडिशा के संजय जोको नाम का व्यक्ति इन्हें सिलाई-कढ़ाई के नाम पर तमिलनाडु ले गया था। लेकिन उन्हें दवा कंपनी पहुंचा दिया गया। दो माह से सभी लड़कियां यहां फंसी हुई थीं। मुक्त कराई गई 24 लड़कियों में 21 पश्चिमी सिंहभूम और 3 सरायकेला खरसावां की हैं। इनमें दो नाबालिग भी हैं। लड़कियों के अनुसार, उन्हें 12 हजार रुपये महीने वेतन देने का भरोसा दिलाया गया था, लेकिन उन्हें सिलाई की जगह पर धागा बुनने के काम में जबरन लगा दिया गया था।
उन्हें वेतन भी नहीं मिल रहा था। कुछ को महज 800 से 1000 रुपये ही मिले थे। उन्हें जमीन पर ठंडे फर्श में सोने के लिए कहा जा रहा था। उस फैक्ट्री में झारखंड की लगभग 50 लड़कियां काम कर रही थीं। उनमें कुछ पहले ही वहां से निकलने में सफल हो गई थीं। बाकी फंसी हुई लड़कियों ने वहां से बचाने की गुहार लगाई। इसके बाद राज्य सरकार के निर्देश पर फ़िया फाउंडेशन ने अन्य संस्थाओं से सहयोग लेकर इन सभी को मुक्त कराया।
परिजनों को सौंपा जाएगा..
जानकारी के अनुसार 24 लड़कियां पिछले 2 माह से कोयंबटूर में कंपनी में फंसी हुई थी। इसकी जानकारी चाइल्डलाइन समेत आसरा संस्था को हुई। इसके बाद लड़कियों से संपर्क कर उन्हें सकुशल लाने की जिम्मेदारी तय की गई। इसमें जिकपानी एसएससी कंपनी का भी सहयोग लिया गया और कोयंबटूर से फ्लाइट से दिल्ली लाया गया। यहां से उन्हें हवाई जहाज के ही जरिये रांची लाया गया। आज बुधवार संध्या 4:00 बजे पश्चिमी सिंहभूम समाहरणालय परिसर में डीसी अरवा राजकमल और पुलिस अधीक्षक अजय लिंडा की उपस्थिति में सभी बच्चियों को उनके परिजनों को सौंपा जाएगा।
सरकार देगी रोजगार..
मुक्त कराई गई सभी लड़कियों को झारखंड सरकार रोजगार देगी। राज्य सरकार 29 दिसंबर को इन सभी को नियुक्ति पत्र दे सकती है।
Source : Jagran