झारखंड राज्य ने निर्यात के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. वित्तीय वर्ष 2024-25 के अप्रैल से नवंबर माह तक के आंकड़ों के अनुसार, राज्य से होने वाले निर्यात में बीते साल की तुलना में 21.85% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. यह आंकड़ा न सिर्फ राज्य के औद्योगिक विकास की कहानी बयां करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि वैश्विक बाजार में झारखंड की स्थिति अब और मजबूत हो रही है.
निर्यात में हिस्सेदारी बढ़ी
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2022-23 में झारखंड की देश के कुल निर्यात में हिस्सेदारी महज 0.31% थी. लेकिन 2023-24 में यह बढ़कर 0.43% हो गई और अब 2024-25 के आंकड़ों के मुताबिक यह 0.46% पर पहुंच चुकी है. यह लगातार हो रही वृद्धि राज्य की औद्योगिक क्षमता और वैश्विक बाजार में उसकी स्वीकार्यता को दर्शाती है.
निर्यात आंकड़ों में छलांग
2023-24 के अप्रैल से नवंबर तक झारखंड से कुल 8,888.64 करोड़ रुपये का निर्यात हुआ था, जो 2024-25 की समान अवधि में बढ़कर 10,831.16 करोड़ रुपये हो गया. यानी राज्य से निर्यात में करीब 2,000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी दर्ज हुई है. यह न सिर्फ आर्थिक मजबूती का संकेत है, बल्कि झारखंड को निर्यात के मानचित्र पर प्रमुख स्थान देने वाला कारक भी बनता जा रहा है.
कौन-कौन से उत्पादों की मांग ज्यादा?
झारखंड से सबसे अधिक निर्यात इंजीनियरिंग गुड्स का हो रहा है. कुल निर्यात का 40.73% हिस्सा सिर्फ इंजीनियरिंग से जुड़े उत्पादों का है. इसके अलावा माइका, कोयले से बने उत्पाद, चावल, रेडीमेड गारमेंट्स, लौह अयस्क, जैविक और अकार्बनिक रसायन, पेट्रोलियम उत्पाद, इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स, हस्तशिल्प व हस्तनिर्मित कालीन जैसे उत्पाद भी बड़े पैमाने पर निर्यात किए जा रहे हैं.
प्रमुख निर्यात उत्पादों का विवरण:
• इंजीनियरिंग गुड्स: 40.73%
• माइका, कोल और मिनरल्स: 4.36%
• चावल: 2.28%
• रेडीमेड गारमेंट्स: 1.50%
• लौह अयस्क: 1.06%
• जैविक व अकार्बनिक रसायन: 1.06%
• पेट्रोलियम उत्पाद: 0.76%
• अन्य अनाज: 0.24%
• केरामिक प्रोडक्ट्स व ग्लासवेयर: 0.19%
• इलेक्ट्रोनिक गुड्स: 0.17%
• हैंडीक्राफ्ट व कारपेट्स: 0.13%
• मसाले: 0.11%
• दवाइयां और फार्मा उत्पाद: 0.02%
• फल और सब्जियां: 0.06%
• मानव निर्मित फैब्रिक्स व मेडअप्स: 0.06%
• अन्य उत्पाद: 46.88%
जिलों से उत्पादों का निर्यात
राज्य के विभिन्न जिलों से कई प्रकार के उत्पादों का निर्यात हो रहा है, जो अंतरराष्ट्रीय बाजार में लोकप्रिय हो रहे हैं.
• बोकारो: इंडस्ट्रियल एक्सप्लोसिव
• देवघर: टमाटर के बीज, लीड क्रिस्टल
• धनबाद: हार्ड कोक
• पूर्वी सिंहभूम: रोलर, रोलर बियरिंग्स
• गढ़वा: ब्लीचिंग पाउडर, फ्लेक्स ऑफ सोडियम हाईड्रोक्साइड
• गिरिडीह: माइका पाउडर, माइका वेस्ट
• गोड्डा: बिटुमिन कोल, टॉवर क्रेन्स
• गुमला: बासमती चावल
• हजारीबाग: एसी पार्ट्स, गियर बॉक्स
• लोहरदगा: रागी
• कोडरमा: माइका और माइका फ्लेक्स
• पाकुड़: बासमती चावल, इलेक्ट्रिक इनवर्टर्स