धनबाद सिविल कोर्ट में चपरासी के 36 पदों पर भर्ती के लिए करीब 20 हजार आवेदन आ चुके हैं। आवेदनों पर नंबरिंग कर स्क्रूटनी कराई जा रही है। सरकार की ओर से पदों के लिए न्यूनतम योग्यता मैट्रिकुलेशन मांगी गई है। हालांकि आवेदकों में अधिकांश ग्रेजुएट तथा पोस्ट ग्रेजुएट की पात्रता रखने वाले अभ्यर्थी ही इन भर्तियों में आगे हैं। सिविल कोर्ट में वर्ष 2019 में जब चतुर्थ वर्ग कर्मचारियों के 27 पदों की भर्तियों में भी लगभग 20हजार ही आवेदन आए थे। इनमें से 21 पद कंफर्म तथा शेष छह पदों पर आउटसोर्सिंग के माध्यम से बहाली के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे। आउटसोर्सिंग के माध्यम से बहाली होने वाले पदों पर तनख्वाह अस्थाई पदों के वेतन से कम रखा गया था। चुने गए उम्मीदवार को बदला नहीं जा सकता था। जांच के बाद केवल नौ हजार उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया था।
सरकार की ओर से जारी की गई अधिसूचना के मुताबिक सिविल कोर्ट में चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों के 36 पदों में चार पद ड्राइवर, 32 चपरासी तथा आदेशपाल वर्ग के चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों के हैं। ड्राइवर के चार पदों के लिए सामान्य वर्ग से एक, एसटी के लिए एक तथा एससी के लिए दो पद आरक्षित हैं। उसी तरह 32 चपरासी चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों में सामान्य के लिए 14, एससी के लिए दो, पिछड़ा वर्ग के लिए सात तथा अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिए नौ पद आरक्षित हैं। आवेदन भरने की अंतिम तारीख तीन मार्च (3 मार्च )निर्धारित की गई थी। आवेदन डाक तथा खुद उपस्थित होकर ड्रॉप बॉक्स के माध्यम से लिया गया था। भर्ती के लिए सिविल कोर्ट में कर्मचारियों की एक अलग समूह का गठन किया गया है। आवेदनों पर नंबरिंग करने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। दूसरे फेज की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। इस प्रक्रिया में लगभग दो माह का समय लग सकता है। बहाली के लिए सरकार की ओर से लगाई गई शर्तों को पूरा करने वाले अभ्यार्थियों को इंटरव्यू के लिए एडमिट कार्ड जारी किया जाएगा।
सिविल कोर्ट में रसोईया, बिजली मिस्त्री, गार्डनर तथा प्लंबर के कोई पद अलग से तैयार नहीं किए गए हैं। चालक के मात्र चार पद ही हैं, जिसमें प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश, प्रधान न्यायाधीश, जिला न्यायाधीश, सत्र न्यायाधीश प्रथम तथा मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी को ही सरकारी गाड़ी के साथ चालक दिया जाता है। जबकि सिविल कोर्ट में अन्य वाहनों को आउटसोर्सिंग के माध्यम से लिया जाता है।