Jharkhand: भारत में डॉक्टरों को भगवान का दर्जा यूं ही नहीं दिया जाता है। विकट परिस्थिति में भी डॉक्टर ने मरीजों की जान बचाकर हर बार इस वाक्य को साबित किया है। शैल्बी डीवाइन अस्पताल में डाल्टनगंज की रहने वाली एक महिला 19 सप्ताह की एसी प्रेग्नेंसी कन्डिश्न् में आई जिसे सभी जगह खतरे को देखते हुए इलाज से इनकार किया जा चुका था।
ओब्स्ट्रेटिक कंडीशंन को किया सफ़ल…
शैल्बी डीवाईन अस्पताल सीनियर लैप्रोस्कोपिक स्त्री एवं प्रसूति रोग एवं हाई रिस्क प्रेग्नेंसी विशेषज्ञ डॉ अपेक्षा साहू ने बताया कि उनके पास एक रेयर ओब्स्ट्रेटिक कंडीशंन था। जिसमें पता चला कि गर्भ मे पल रहे शिशु का गर्भनाल से जुड़े प्लासेंटा बच्चेदानी को पार करते हुए पेशाब कि थैली को छेदने वाला था। जिसके कारण महिला के गर्भाशय से लगातार खून रिसने लगा था। जिसे सभी जगह खतरे को देखते हुए इलाज से इनकार किया जा चुका था।
सफल हुई डिफिकल्ट सर्जरी…
महिला को 24 सप्ताह तक किसी तरह मेडिकल ट्रीटमेंट दिया गया। लेकिन अत्यधिक रक्तस्राव होने के कारण बच्चा और जच्चा दोनो को जान का खतरा होने लगा। इमरजेंसी को देखते हुए उन्हें तुरंत हाईरिस्क सर्जरी का प्लान किया गया और सीजेरियन किया गया। साथ ही उनका बच्चेदानी को भी निकाला गया। बच्चेदानी को सप्लाई करने वाले खून कि नली को बाँध (Internal Iliac Ligation) दिया। बच्चों को सुरक्षित बचा लिया गया है।
सफलतापूर्वक हुआ ऑपरेशन…
डॉक्टरों की सूझबूझ और मेहनत ने मां और बच्चे दोनों की जिंदगी को सुरक्षित बचा लिया अभी दोनों स्वस्थ है। बच्चा 640 ग्राम का है और नियोनेटल आईसीयू मे है।
विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधा है मौजूद…
अस्पताल के मेडिकल और मैनेजिंग डाइरेक्टर् डॉ देवनीस खेस ने जानकारी साझा करते हुए बताया कि शैल्बी डीवाइन सुपर स्पेशियेलिटी अस्पताल मे अत्याधुनिक हाई रिस्कसर्जरी , आईसीयू और जॉइंट रिप्लेशमेंट और बोंनमैंरो और खून से संबंधित बीमारियों का विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधा राँची मे ही मौजूद है|