झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (JBVNL) ने उपभोक्ताओं की बिजली बिल संबंधी समस्याओं के समाधान हेतु एक विशेष सहायता शिविर का आयोजन किया है. यह शिविर 17 दिसंबर 2024 से शुरू हुआ और 31 जनवरी 2025 तक चलेगा. शिविर का उद्देश्य बिजली बिल, स्मार्ट मीटर और अन्य तकनीकी समस्याओं का समाधान करना है.
शिविर में अब तक की प्रगति
शिविर के आयोजन के बाद अब तक कुल 17,259 शिकायतें दर्ज की गई हैं. इनमें से 16,446 मामलों का समाधान कर दिया गया है, जबकि 813 मामले अब भी लंबित हैं. विभाग का दावा है कि शेष समस्याओं का समाधान भी जल्द ही किया जाएगा. शिविर के माध्यम से बिजली उपभोक्ताओं को उनकी शिकायतों का त्वरित समाधान मिल रहा है.
स्मार्ट मीटर और अन्य समस्याओं का समाधान
सहायता शिविर में उपभोक्ताओं की कई तरह की समस्याओं को हल किया जा रहा है, जिनमें निम्नलिखित प्रमुख हैं:
• मोबाइल नंबर पंजीकरण: स्मार्ट मीटर से संबंधित मोबाइल नंबर को अपडेट किया जा रहा है.
• स्मार्ट मीटर में गड़बड़ी: मीटर से जुड़ी तकनीकी खामियों का निवारण किया जा रहा है.
• बिजली बिल संबंधी शिकायतें: अधिक बिजली बिल, बिल की प्राप्ति न होने या गलत बिल जैसी समस्याओं का समाधान किया जा रहा है.
• सिक्योरिटी डिपॉजिट और अकाउंट संबंधी शिकायतें: इनसे जुड़े मुद्दों का समाधान भी शिविर में हो रहा है.
• ऑनलाइन भुगतान समस्याएं: ऑनलाइन भुगतान से जुड़ी परेशानियों का निपटारा किया जा रहा है.
शिविर का लक्ष्य और चुनौतियां
JBVNL का लक्ष्य 3.5 लाख शहरी उपभोक्ताओं को इस शिविर के माध्यम से जोड़ने का था, लेकिन 23 जनवरी तक मात्र 30% उपभोक्ता ही शिविर में पहुंचे. सर्किल के अधीक्षण अभियंता डी.एन. साहू ने बताया कि शिविर 31 जनवरी तक नियमित रूप से चलेगा और आवश्यकता पड़ने पर इसकी अवधि बढ़ाई भी जा सकती है. उन्होंने कहा कि स्मार्ट मीटर लगने के बाद उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं देना विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती थी, जिसे इस शिविर के माध्यम से हल किया जा रहा है.
विकास योजनाओं को लेकर बैठक
इसी बीच, झारखंड के विकास कार्यों और औद्योगिक समस्याओं को लेकर पंचम वित्त आयोग के अध्यक्ष अमरेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई. यह बैठक आदित्यपुर जियाडा सभागार में हुई, जिसमें नगर निगम और औद्योगिक क्षेत्र से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की गई.
स्टील उद्योग से संबंधित समस्याएं
बैठक के दौरान चाईबासा के नीमडीह क्षेत्र में स्टील उद्योग के लिए अधिग्रहित 697 एकड़ भूमि पर उद्योग न लगने की समस्या पर चर्चा हुई. अध्यक्ष ने सुझाव दिया कि यदि स्टील उद्योग स्थापित नहीं हो रहा है, तो इस भूमि को अन्य उद्योगों के लिए आवंटित किया जाए. इसके अलावा, जियाडा क्षेत्र में सड़क, पानी और स्ट्रीट लाइट की खराब व्यवस्था पर ध्यान देने की आवश्यकता बताई गई.
होल्डिंग टैक्स और पानी बिल विवाद
बैठक में आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में होल्डिंग टैक्स के मुद्दे पर जियाडा और नगर निगम को मिलकर समाधान निकालने की बात कही गई. वहीं, सुवर्णरेखा परियोजना द्वारा नगर निगम पर ₹100 करोड़ के पानी बिल बकाया मामले में बकायेदार कंपनियों को दूसरी नोटिस जारी करने का निर्देश दिया गया.