रांचीः मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के निर्देश के बाद देश के विभिन्न प्रदेशों में काम करने गए झारखंडवासियों की हित रक्षा के लिए राज्य प्रशासन मुस्तैद है। इसी क्रम में राज्य सरकार के प्रयासों से आंध्रप्रदेश के आइस आइलैंड में बंधक बनाकर रखे गये चाईबासा के 16 श्रमिकों को मुक्त कराया गया है। सभी श्रमिकों को वापस झारखण्ड लाया जा रहा है। सूचनानुसार आंध्रप्रदेश के श्रमिकों को आइस आइलैंड में काम के बहाने ले जाकर बंधक बना लिया गया था। मुख्यमंत्री ने मामले की जानकारी मिलते ही श्रम अधीक्षक चाईबासा और श्रम विभाग, झारखण्ड के राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष को अविलंब श्रमिकों की घर वापसी करने का निर्देश दिया। उनके निर्देशानुसार प्रवासी नियंत्रण कक्ष ने आंध्रप्रदेश के अधिकारियों के साथ समन्वय बनाया। इसके बाद आंध्रप्रदेश पुलिस और वहां के श्रम विभाग की टीम ने छापेमारी कर श्रमिकों को मुक्त कराया।
22 घंटे तक करना पड़ता था काम..
श्रमिकों को एक ठेकेदार अच्छा काम दिलाने के नाम पर आंध्रप्रदेश लेकर गया था। वहां पहुंचने पर सभी श्रमिकों को इधर-उधर घुमाया गया। फिर आइस आईलैंड में मछली पालन के काम में लगा दिया गया। वहां उनसे 22 घंटे काम लिया जाता था। श्रमिकों के अनुसार उनसे रात में भी काम कराया जाता था। काम पर नहीं जाने पर उनके साथ दुर्व्यवहार और मारपीट की जाती थी। कार्यस्थल पर पीने का साफ पानी भी नहीं मिलता था। सभी को गंदा पानी पीकर रहना पड़ता था। खाना भी ठीक से नहीं मिलता था। तंग आकर श्रमिकों ने इस हालत में काम नहीं करने और वापस झारखण्ड लौटने की बात ठेकेदार से कही। इसपर श्रमिकों से दुर्व्यवहार करते हुए उन्हें बंधक बना लिया गया। मजदूरी का पैसा भी नहीं मिला। खाना भी बंद कर दिया गया था।
श्रमिकों को15 दिनों की मजदूरी मिली..
राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष की पहल पर श्रमिकों को 15 दिनों का कुल पारिश्रमिक 48,000 रुपये का भुगतान करा दिया गया है। सभी श्रमिक विजयवाड़ा स्टेशन से 2 दिसंबर की सुबह ट्रेन से झारखण्ड के लिए रवाना हो चुके हैं। श्रमिकों ने एक वीडियो के माध्यम से मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन और राज्य सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया है।