रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में 25 मार्च 2025 को झारखंड कैबिनेट की बैठक आयोजित की गई, जिसमें कुल 16 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इन फैसलों का उद्देश्य राज्य में प्रशासनिक सुधार, उद्योगों को बढ़ावा देना, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करना और डिजिटलीकरण को सशक्त बनाना है।
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मुख्य फैसले:
- उद्योग को बढ़ावा: झारखंड में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSME) को विशेष छूट देने के लिए एक नया विधेयक स्वीकृत किया गया।
- महिला सम्मान योजना: ‘झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना’ में आंशिक संशोधन की स्वीकृति दी गई।
- सरकारी पदोन्नति में छूट: झारखंड सचिवालय सेवा के सहायक प्रशाखा पदाधिकारियों की प्रोन्नति के नियमों में एक बार की छूट दी गई।
- नियमितीकरण: छह सरकारी कर्मियों की सेवाओं को नियमित करने की स्वीकृति दी गई।
- वित्तीय फैसले: वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए तृतीय अनुपूरक व्यय विवरणी को मंजूरी मिली। साथ ही, 2025-26 के बजट प्रस्तावों को भी स्वीकृति दी गई।
- आर्थिक सर्वेक्षण: झारखंड आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 को विधानसभा में प्रस्तुत करने की अनुमति मिली।
- शिक्षा सुधार: दिव्यांग बच्चों की शिक्षा के लिए राज्य के प्राथमिक विद्यालयों में 3,451 विशेष प्रशिक्षित सहायक आचार्यों के पद सृजित किए गए।
- ई-कोर्ट प्रोजेक्ट: झारखंड में ई-कोर्ट प्रोजेक्ट के तीसरे चरण के कार्यान्वयन के लिए मंजूरी दी गई।
- सरकारी अधिकारी पर कार्रवाई: तत्कालीन बीडीओ साधना जयपुरियार को सेवा से बर्खास्त करने का निर्णय लिया गया।
- डिजिटलीकरण: राज्य कर्मियों से जुड़े कार्यों के डिजिटलीकरण के दूसरे चरण के लिए 50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता स्वीकृत हुई।
- स्वास्थ्य सेवा: झारखंड कम्युनिटी हेल्थ असिस्टेंट संवर्ग के लिए नई नियमावली बनाई गई।
- सिंचाई परियोजना: बालपहाड़ी डैम के पास बालपहाड़ी बराज के निर्माण के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दी गई।
- पुलिस हाउसिंग परियोजना: पुलिस संगठन और गृह विभाग से जुड़े निर्माण कार्यों के लिए नीतिगत संशोधन को मंजूरी मिली।
- GST में बदलाव: जल संसाधन विभाग के निर्माण कार्यों में GST दर 12% से बढ़ाकर 18% करने के अनुरूप भुगतान की मंजूरी दी गई।
- सचिवालय कर्मियों के वेतन संशोधन: 01.01.2006 के पूर्व नियुक्त झारखंड सचिवालय के सहायक/निजी सहायक कर्मियों के वेतन निर्धारण से संबंधित पुराने संकल्प को निरस्त किया गया।
- न्यायिक सेवा में सुधार: झारखंड उच्च न्यायालय के आदेशों के अनुपालन में सेवा नियमितीकरण के लिए कदम उठाए गए।
इन फैसलों से झारखंड में प्रशासनिक सुगमता के साथ-साथ आर्थिक, सामाजिक और बुनियादी ढांचे में भी सुधार की उम्मीद है।