झारखंड सरकार ने राज्य के साहिबगंज जिले में गंगा नदी के किनारे 13 किलोमीटर लंबा मरीन ड्राइव बनाने की योजना बनाई है। यह परियोजना मुंबई और पटना की मरीन ड्राइव की तर्ज पर विकसित की जाएगी। पथ निर्माण विभाग ने इसके लिए सर्वेक्षण पूरा कर लिया है और जल्द ही विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
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क्या होगी मरीन ड्राइव की खासियत?
- यह मरीन ड्राइव साहिबगंज में गंगा नदी के किनारे बनेगा, जिसकी कुल लंबाई लगभग 13 किमी होगी।
- निर्माण के दौरान जहां आवश्यक होगा, वहां एलिवेटेड संरचना भी बनाई जाएगी।
- यह सड़क गंगा नदी पर बन रहे पुल के एप्रोच रोड से जुड़ेगी और स्थानीय पोर्ट से भी इसकी कनेक्टिविटी होगी।
- इस परियोजना के पूरा होने से साहिबगंज और आसपास के क्षेत्रों का विकास तेज होगा।
- गंगा किनारे की कनेक्टिविटी बेहतर होगी, जिससे व्यापार और परिवहन को बढ़ावा मिलेगा।
- स्थानीय निवासियों और पर्यटकों को एक खूबसूरत वातावरण मिलेगा, जो पर्यटन को भी बढ़ावा देगा।
मुंबई और पटना की तर्ज पर बनेगा मरीन ड्राइव
इस मरीन ड्राइव के निर्माण से पहले मुंबई और पटना के मरीन ड्राइव का अध्ययन किया गया है। पटना में गांधी सेतु से दीघा पुल तक एक लंबा मरीन ड्राइव पहले से ही बना हुआ है, जो स्थानीय विकास में सहायक साबित हुआ है। झारखंड सरकार को उम्मीद है कि साहिबगंज में बनने वाला मरीन ड्राइव भी इसी तरह क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
आगे की योजना
पथ निर्माण विभाग ने डीपीआर तैयार करने के लिए कंसल्टेंट की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है। डीपीआर तैयार होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी और निर्माण कार्य को शीघ्र शुरू किया जाएगा। सरकार इस प्रोजेक्ट को प्राथमिकता दे रही है ताकि झारखंड को एक नया और आधुनिक स्वरूप दिया जा सके।
झारखंड में इस तरह की पहली परियोजना होने के कारण यह लोगों के लिए एक आकर्षण का केंद्र बनेगी और राज्य के विकास में एक नया आयाम जोड़ेगी।