झारखंड ऊर्जा निगम से 109 करोड़ की फर्जी ट्रांजेक्शन, SIT की छापेमारी….

झारखंड ऊर्जा उत्पादन निगम लिमिटेड (JUVNL) के खाते से 109 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है, जिसमें पैसा फर्जी अकाउंट में ट्रांसफर किया गया था. इस घोटाले में झारखंड पर्यटन विकास निगम लिमिटेड (JTDCL) के नाम पर बनाए गए फर्जी खाते में यह राशि डाली गई थी. इस मामले में राज्य की CID और एटीएस की संयुक्त स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (SIT) ने रांची, रामगढ़, मुजफ्फरपुर और कोलकाता में छापेमारी की, जिसके दौरान चार लोगों को हिरासत में लिया गया है. इस घटना ने राज्य की ऊर्जा और पर्यटन विभागों में खलबली मचा दी है.

कैसे हुआ फर्जी ट्रांजेक्शन?

जांच में सामने आया है कि JUVNL के सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में स्थित खाते से पिछले एक साल से यह पैसा फर्जी अकाउंट में ट्रांसफर हो रहा था. इस दौरान, पैसे को सात अलग-अलग चरणों में फ्रीज किया गया, लेकिन उससे पहले इसे सैकड़ों अकाउंट्स में भेजा जा चुका था. इस पूरी साजिश का मास्टरमाइंड कोलकाता का एक शातिर अपराधी है, जिसने इस गड़बड़ी को अंजाम दिया है.

पहले भी हो चुका है जालसाजी का मामला

यह पहली बार नहीं है जब JTDCL के नाम पर फर्जी अकाउंट का मामला सामने आया है. इससे पहले भी, धुर्वा थाना में एक मामले में 10.44 करोड़ रुपये के फर्जी ट्रांजेक्शन की शिकायत दर्ज की गई थी. इस घटना में भी JTDCL के फर्जी खाते का उपयोग करके पैसे को ट्रांसफर किया गया था. इस मामले को जांच के लिए CID को सौंपा गया था, और बाद में इसे साइबर थाना रांची में ट्रांसफर किया गया.

बैंकों में फ्रीज किए गए 35 करोड़ रुपये

SIT द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई में जांच एजेंसी ने बैंकों में 35 करोड़ रुपये को फ्रीज करा दिया है. SIT की टीम में एटीएस के एसपी रिषभ झा और साइबर डीएसपी मुन्ना के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे. जांच के बाद SIT इस घोटाले के और भी गहरे पहलुओं को खंगाल रही है.

पर्यटन विभाग और ऊर्जा विभाग की प्रतिक्रिया

जब JTDCL के निदेशक ने अपने फर्जी अकाउंट से 10.44 करोड़ रुपये का फर्जी ट्रांजेक्शन पकड़ा, तो पर्यटन विभाग ने तुरंत ऊर्जा विभाग को एक पत्र भेजा. इसमें पूछा गया कि JUVNL के खाते से पैसे क्यों ट्रांसफर किए गए थे. जब इस मामले की आंतरिक जांच की गई, तो पता चला कि ट्रांसफर किया गया पैसा पेंशनधारियों के लिए बने ट्रस्ट का था. इस ट्रस्ट में करीब 150 करोड़ रुपये जमा थे, जिनमें से 109 करोड़ रुपये को फर्जी तरीके से निकाल लिया गया था.

राज्य में फैला हड़कंप

इस घोटाले ने राज्य के प्रशासनिक और वित्तीय तंत्र में हड़कंप मचा दिया है. अधिकारियों ने इस घटना को बेहद गंभीरता से लिया है और SIT द्वारा मामले की गहनता से जांच की जा रही है. पुलिस और जांच एजेंसियां मास्टरमाइंड और उसके नेटवर्क को पकड़ने के लिए देशभर में छापेमारी कर रही हैं.

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