1 अगस्त से ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन होगी महंगी…

जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में 1 अगस्त से जमीन महंगी हो जाएगी. नगर निगम क्षेत्र के बाहर स्थित खाली जमीन और मकान की सरकारी कीमत में 10 से 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी. यानी, 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी पर 20 लाख रुपये की संपत्ति के लिए 22 लाख रुपये का भुगतान करना होगा. भू-राजस्व एवं निबंधन विभाग के निर्देश के बाद जिला प्रशासन ने जमीन की नई दर तय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. दर तय करने के लिए सरकार की नियमावली के आधार बनाया गया है.

सरकारी सर्किल रेट में बढ़ोतरी

दो वर्षों में ग्रामीण क्षेत्र में तीन डिसमिल से कम और सरकारी सर्किल रेट से 20 प्रतिशत अधिक कीमत पर हुई जमीन की रजिस्ट्री को छोड़कर अन्य रजिस्ट्री की औसत कीमत के आधार पर नया वैल्यूएशन होगा. नियम के मुताबिक, दो वर्षों में ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में जमीन की सरकारी कीमत बढ़ाई जानी है. ग्रामीण क्षेत्र की वैल्यूएशन 2018 में बढ़ा था.

प्रभावित क्षेत्र

कांके, नामकुम और रातू क्षेत्र की जमीन का रेट अधिक बढ़ेगा. इन क्षेत्रों में 10 से 15 प्रतिशत तक दर में बढ़ोतरी की संभावना है. जबकि, ओरमांझी क्षेत्र में बहुत अधिक रेट बढ़ने की उम्मीद नहीं है. जानकारी के अनुसार, ओरमांझी में महताव खाता की जमीन अधिक है, जिसके कारण यहां काफी कम खरीद-बिक्री हुई है. इस वजह से ओरमांझी में दर बढ़ोतरी की संभावना कम है.

रजिस्ट्री पर असर

जमीन के रेट में बढ़ोतरी होने की सूचना के बाद रांची जिला ग्रामीण निबंधन कार्यालय में रजिस्ट्री कराने वालों की संख्या में अचानक काफी बढ़ोतरी हुई है. अधिकारी ने बताया कि जिन क्षेत्रों में रजिस्ट्री की संख्या बढ़ी है, उनमें कांके, नामकुम और रातू प्रमुख हैं. इन क्षेत्रों में जमीन की मांग अधिक होने के कारण रजिस्ट्री की संख्या बढ़ गई है.

नए वैल्यूएशन का उद्देश्य

नया वैल्यूएशन करने का उद्देश्य यह है कि जमीन की वास्तविक कीमत सरकार के खाते में आए. इससे सरकार को अतिरिक्त राजस्व मिलेगा और जमीन के बाजार मूल्य का सही आकलन हो सकेगा. यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि जमीन की खरीद-बिक्री की प्रक्रिया में पारदर्शिता हो और इससे संबंधित सभी नियमों का पालन हो.

अधिकारी का बयान

एक अधिकारी ने बताया कि जमीन की बढ़ी हुई कीमतों का लाभ राज्य सरकार को मिलेगा. इससे राज्य के राजस्व में वृद्धि होगी और सरकारी योजनाओं के लिए अधिक धनराशि उपलब्ध हो सकेगी. उन्होंने कहा कि यह कदम राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में सहायक सिद्ध होगा.

नियम और प्रक्रिया

नए नियमों के अनुसार, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जमीन की सरकारी कीमत हर दो वर्ष में बढ़ाई जानी है. इस प्रक्रिया में शामिल सभी पक्षों से सलाह-मशविरा करके दर तय की जाती है. दर तय करने की प्रक्रिया में सरकार की नियमावली का पालन किया जाता है और इसे सार्वजनिक सूचना के माध्यम से प्रकाशित किया जाता है.

भूमि मूल्यांकन समिति

भूमि मूल्यांकन समिति का गठन किया गया है, जिसमें विभिन्न विभागों के अधिकारी और स्थानीय प्रतिनिधि शामिल हैं. इस समिति का काम जमीन की कीमत का आकलन करना और इसे सरकार के निर्देशानुसार तय करना है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

×