झारखंड सरकार और केंद्र सरकार के बीच खनन रॉयल्टी को लेकर लंबे समय से विवाद चला आ रहा है. राज्य सरकार का दावा है कि केंद्र सरकार पर खनन रॉयल्टी के रूप में 1.36 लाख करोड़ रुपये की राशि बकाया है. इस विषय पर फैसला सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार होगा. इस मुद्दे पर दैनिक जागरण के साथ बातचीत में कोयला राज्यमंत्री सतीश चंद्र दुबे ने झारखंड सरकार, खासकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, पर गंभीर आरोप लगाए और राज्य के विकास में उनकी रुचि पर सवाल उठाए.
झारखंड सरकार पर विकास की अनदेखी का आरोप:
दुबे ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हर समय केंद्र सरकार से बकाये की मांग करते रहते हैं, जबकि केंद्र की ओर से हमेशा राज्य को आवश्यक राशि दी जाती है. उन्होंने कहा कि कोयला खनन से प्राप्त 28 प्रतिशत राशि राज्य सरकार को नियमित रूप से मुहैया कराई जाती है. मंत्री ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार को झारखंड के विकास से कोई सरोकार नहीं है और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को केवल अपनी, अपने परिवार और अपनी कुर्सी की चिंता है.
राज्य के विकास पर केंद्र का फोकस:
कोयला राज्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि केंद्र सरकार झारखंड के विकास के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा, “हम जिस योजना का शिलान्यास करते हैं, उसका उद्घाटन भी करते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि झारखंड सरकार राज्य के विकास में रुचि नहीं रखती और हर चीज को राजनीति के चश्मे से देखती है. दुबे ने कहा कि राज्य में मंत्री जेल जा रहे हैं और मुख्यमंत्री बेल और जेल की राजनीति कर रहे हैं, जिससे विकास की बात करना बेमानी है.
झारखंड सरकार पर तुष्टीकरण की राजनीति का आरोप:
मंत्री ने झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस की गठबंधन सरकार पर तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सोरेन की प्राथमिकता राज्य की जनता नहीं, बल्कि अपनी कुर्सी बचाना है. दुबे ने विश्वास जताया कि आगामी विधानसभा चुनावों के बाद राज्य में भाजपा की सरकार बनेगी, जिसे उन्होंने ‘डबल इंजन सरकार’ का नाम दिया. उनका मानना है कि केंद्र और राज्य के बीच तालमेल से झारखंड का विकास तेजी से हो सकेगा.
मंईयां योजना पर सवाल:
कोयला राज्यमंत्री ने हेमंत सोरेन द्वारा शुरू की गई मंईयां योजना पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि यह योजना केवल चुनावी लाभ के लिए लाई गई है. उन्होंने आरोप लगाया कि अगर राज्य सरकार की जनहित में काम करने की नीयत होती, तो यह योजना सरकार बनने के तुरंत बाद लागू हो जाती. दुबे ने अन्य राज्यों का उदाहरण देते हुए कहा कि भाजपा शासित राज्यों जैसे छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में इसी तरह की योजनाएं पहले ही लागू की जा चुकी हैं. उन्होंने इसे आम जनता को ठगने की योजना बताया और कहा कि राज्य सरकार की ऐसी योजनाएं केवल दिखावा हैं और इनमें कोई ठोस परिणाम नहीं आएंगे.
भाजपा नेताओं के झारखंड दौरे पर प्रतिक्रिया:
भाजपा के झारखंड दौरे पर प्रतिक्रिया देते हुए दुबे ने कहा कि चुनाव के दौरान संगठन की ओर से प्रभारी और सह प्रभारी तय किए to जाते हैं और उनके अनुसार ही नेताओं 111और कार्यकर्ताओं का आना-जाना होता है. उन्होंने मुख्यमंत्री सोरेन की आलोचना की, जो भाजपा नेताओं के दौरों पर आपत्ति जताते हैं. दुबे ने हेमंत सोरेन को सलाह दी कि उन्हें मध्य प्रदेश जाकर शिवराज सिंह चौहान का काम देखना चाहिए ताकि उन्हें पता चले कि जनहित में कैसे कार्य किया जाता है.
झरिया की समस्या और कोयला खनन की चुनौतियाँ:
धनबाद के झरिया क्षेत्र में कोयला खनन से उत्पन्न आग और पुनर्वास की समस्या पर मंत्री दुबे ने कहा कि यह कोई नई बात नहीं है. उन्होंने बताया कि कोयला खनन के आरंभ से ही झरिया में आग की समस्या रही है और सरकार इस दिशा में लगातार प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि अग्नि प्रभावितों के पुनर्वास का कार्य तेजी से हो रहा है और आग के प्रभाव को भी कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं दुबे ने भरोसा दिलाया कि आने वाले समय में इस दिशा में और तेजी से कार्य होगा
केंद्र-राज्य संबंधों में तनाव और राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप:
राज्य और केंद्र के बीच खनन रॉयल्टी के मामले को लेकर लंबे समय से तनाव है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बार-बार केंद्र सरकार पर बकाया राशि न देने का आरोप लगाते हैं. दूसरी ओर, कोयला राज्यमंत्री सतीश चंद्र दुबे का कहना है कि केंद्र झारखंड के विकास के लिए हर संभव सहायता कर रहा है, लेकिन राज्य सरकार का रवैया राजनीति से प्रेरित है.दुबे के अनुसार, झारखंड सरकार के मंत्रियों की कार्रवाइयां, मुख्यमंत्री की बेल और जेल की राजनीति, और हर मामले को राजनीतिक दृष्टिकोण से देखना, राज्य के विकास में बड़ी बाधाएं हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार तुष्टीकरण की राजनीति में लगी है और जनता के हितों की अनदेखी कर रही है. दुबे ने कहा कि झारखंड की जनता इस बात को समझती है और आने वाले चुनावों में इसका जवाब देगी.
भविष्य की संभावनाएं:
दुबे ने विश्वास जताया कि आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा की सरकार बनेगी, जिससे केंद्र और राज्य के बीच तालमेल बढ़ेगा और राज्य के विकास की गति तेज होगी. उन्होंने कहा कि भाजपा एकमात्र ऐसी पार्टी है जो समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलती है और जनहित में काम करती है. उन्होंने जोर देकर कहा कि भाजपा में पोस्टर साटने वाला भी राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकता है, जबकि अन्य दल केवल परिवारवाद की राजनीति तक सीमित हैं. मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि भाजपा विकास और जनता की सेवा के लिए प्रतिबद्ध है और चुनावी लाभ के लिए योजनाएं नहीं बनाती. उन्होंने कहा कि झारखंड के विकास के लिए केंद्र हर समय तत्पर है और राज्य के प्रत्येक प्रोजेक्ट को लेकर गंभीर है. उन्होंने कहा कि झारखंड में विकास की संभावनाएं अपार हैं, लेकिन इसके लिए राज्य सरकार को भी सकारात्मक सोच के साथ काम करना होगा.